Book Title: Nahta Bandhu Abhinandan Granth
Author(s): Dashrath Sharma
Publisher: Agarchand Nahta Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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श्री गुरु रविदास वाणीकी खोजमें मुझे बीकानेर आना पड़ा । नाहटाजीसे पत्र-व्यवहार द्वारा निश्चित समयपर मैं यहाँ पहुँचा । नाहटाजीके दर्शन एवं उनके व्यक्तित्वसे मैं बड़ा प्रभावित हुआ । व्यापारी होते हुए भी साहित्यसे ऐसा अनुराग एवं खोजकी सूझबूझ कम ही व्यक्तियोंमें देखनेको मिलती है। इतनी पाण्डुलिपियोंका भण्डार भी कम ही देखने में आया जैसा कि नाहटाजीके भण्डारमें है। इन्हींके सन्तवाणी-संग्रहसे मैंने रैदासवाणीकी प्रतिलिपि की है । नाहटाजीका सौजन्य तो अद्वितीय है।
वेणीप्रसाद शर्मा अध्यक्ष हिन्दी विभाग डी० ए० वी० कॉलेज
चण्डीगढ़ ४-७-७१
आगन्तुक सम्मतियां : ३९९
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