Book Title: Nahta Bandhu Abhinandan Granth
Author(s): Dashrath Sharma
Publisher: Agarchand Nahta Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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अभिनंदनोत्सव समारोह पर प्राप्त आशीर्वाद एवं शुभ कामनाओं के संदेश
आचार्य श्री तुलसी चण्डवास
बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी अगरचन्दजी नाहटा जैन समाज के और इतिहास के क्षेत्र में एक दृष्टि से उन्होंने उल्लेखनीय सेवाएँ दी हैं सायी व्यक्ति पारिवारिक दायित्व निर्वाह के साथ जैन शासन और जैन साहित्य सेवा का इतना बड़ा संकल्प कर सकता है, यह अनुकरणीय आदर्श है । इस प्रसंग पर नाहटा जी के लिए मेरा यही संदेश है कि वे साहित्य सेवाओं के साथ अपने जीवन को आध्यात्म की ओर विशेष गतिशील बनायें ।
आचार्य श्री विजयधर्म सूरिजी
समारोह की सफलता की कामना चाहता हूँ ।
श्री देवेन्द्रमुनिजी - विजयपुर
नाहटा जी को शुभार्शीवाद ।
साध्वी श्रीविचक्षणाश्री जी, जयपुर
जैन समाज एवं धर्म सभी क्षेत्रों में नाहटा जी का यशस्वी जीवन दीर्घकाल तक सभी को गौरवशाली बनाता रहे, यही गुरुदेव से प्रार्थना है ।
आचार्य श्री आनन्द ऋषिजी, पूना
विशिष्ट श्रावक हैं । जैन साहित्य और दे रहे हैं । एक जन्मना व्यय
सरस्वती के पुजारी नाहटा जी का जीवन साहित्य सृजन क्षेत्र में काफी ऊँचा रहा है । सतत प्रयत्न ने उन्हें देश मूर्धन्य साहित्यकारों की श्रेणी में बिठा दिया है, शोध साहित्य में आपकी कलम वे जोड़ रही है । भारत सरकार के उपराष्ट्रपति माननीय श्री जत्ती महोदय
बड़ी प्रसन्नता होती कि ऐसे मौके पर मैं स्वयं उपस्थित हो पाता ।
आन्ध्रप्रदेश के राज्यपाल श्री मोहनलालजी सुखाड़िया
श्री अगरचन्द जी की जिन क्षेत्रों में सेवाएँ हैं उनसे हम भली-भाँति सभी प्रकार से परिचित हैं । मुझे यह जानकर बड़ी खुशी हुई है कि ऐसे व्यक्ति का अभिनन्दन समारोह मनाया जा रहा है । परमात्मा उनको दीर्घायु करें ।
राजस्थान के मुख्य मन्त्री श्री हरिदेवजी जोशी
श्री नाहटा जी का साहित्य क्षेत्र में एक विशेष स्थान है और उनके अभिनन्दन से संबंधित होना सौभाग्य की बात है ।
राजस्थान के वित्तमन्त्री श्री चंदनमलजी बैद
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निजी
श्री अगरचन्द नाहटा के अभिनन्दन समारोह में उपस्थित होने की बड़ी इच्छा थी, परन्तु आवश्यक कार्यों के कारण उन दिनों जयपुर नहीं छोड़ सका ।
३३६ : अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन ग्रन्थ
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