________________ श्री कल्पसूत्र-बालावबोध (291) लेगा, उसी की वह वरमाला होगी। यह सुन कर सब राजाओं के सेवक कुबड़े के पास गये। कुबड़े ने सब सेवकों को अपने सोने के मृदंग से मार मार कर जमीन पर गिरा दिया। यह देख कर सब राजा शस्त्र ले कर मारने दौड़े। तब वसुदेव ने सब राजाओं को बदसूरत कर दिया। किसी की मूछे तो किसी की दाढ़ी काट डाली और किसी को रुंडमुंड कर दिया। यह देख कर जरासंध राजा ने समुद्रविजयजी की तरफ देखा। तब समुद्रविजय राजा बख्तर-टोप पहन कर धनुष्य-बाण ले कर युद्ध करने के लिए उठे। उन्हें देख कर वसुदेव ने सोचा कि भाई के साथ लड़ना ठीक नहीं है। इसलिए अब मुझे मेरा स्वरूप प्रकट कर देना चाहिये। नहीं तो लड़ाई होगी। यह सोच कर कुबड़े का रूप त्याग कर मृदंग फेंक कर समुद्रविजयजी की तरफ एक बाण छोड़ा। उसमें सुनहरे अक्षरों में यह लिखा था कि वसुदेव का आपको नमस्कार हो। यह पढ़ कर समुद्रविजयजी ने सविस्मय सोचा कि वसुदेव तो मर गया था, फिर यहाँ कहाँ से आ गया? यह कोई ऐन्द्रजालिक मुझे भरमाता तो नहीं है? वे यह सोच ही रहे थे कि इतने में वसुदेव ने आ कर उनके पाँव छए। तब समुद्रविजयजी ने उन्हें अच्छी तरह पहचाना और सब यादव खुश हुए। जरासंधप्रमुख राजा भी खुश हुए। महोत्सवपूर्वक वसुदेव का रोहिणी के साथ विवाह किया गया। फिर पूर्व में उन्होंने जिन जिन स्त्रियों के साथ विवाह किया था, उन सबकी हकीकत समुद्रविजयजी को बता दी। फिर अपनी बहत्तर हजार स्त्रियों को इकट्ठा कर उन्हें विमान में बिठा कर वसुदेवजी अपने घर आये। स्नेह के कारण कंस वसुदेवजी को मथुरा ले गया। वहाँ कंस और वसुदेवजी दोनों रहने लगे। एक बार देवक राजा की पुत्री देवकीजी वसुदेव के साथ विवाह करने के लिए मथुरा आयी। देवकीजी और जीवयशा दोनों साथ खेलती थीं, पर जीवयशा अपने पिता के बल के गर्व से उन्मत्त थी। जब देवकीजी का विवाह शुरु हुआ, तब जीवयशा मदिरापान कर देवकीजी को अपने कंधे पर बिठा कर नाचने लगी। उस समय कंस के छोटे भाई अतिमुक्तक मुनि गोचरी के लिए घूमते घूमते कंस के घर आये। उन्हें देखते ही जीवयशा मदोन्मत्त हो कर उनके गले से लिपट कर बोली कि देवरजी ! तुम अच्छे अवसर पर आये हो। अब एक राजकन्या के साथ तुम्हारा भी विवाह कर दूंगी। यह बोलती हुई वह उन्हें पकड़े रही। तब उसे डराने के लिए साधु बोले कि अरी मुग्धे ! तू क्या नाच-कूद रही है? जिसे तूने अपने कंधे पर बिठाया है, उसका सातवाँ गर्भ तेरे पति को तथा तेरे पिता को मारने वाला होगा।