________________ (316) श्री कल्पसूत्र-बालावबोध हजार करोड़ ऊपर पैंसठ लाख चौरासी हजार नौ सौ अस्सीवें वर्ष में पुस्तकलेखन हुआ। (16) सोलहवें श्री शान्तिनाथजी मोक्ष जाने के आधा पल्योपम बाद श्री कुंथुनाथजी मोक्ष गये। उनके बाद एक पल्योपम के चौथे भाग ऊपर पैंसठ लाख चौरासी हजार नौ सौ अस्सीवें वर्ष में पुस्तकलेखन हुआ। (15) पन्द्रहवें श्री धर्मनाथ मोक्ष जाने के बाद पौन पल्योपम कम तीन सागरोपम बीतने पर श्री शान्तिनाथजी मोक्ष गये। उनके बाद पौन पल्योपम अधिक पैंसठ लाख चौरासी हजार नौ सौ अस्सीवें वर्ष में पुस्तकलेखन हुआ। (14) चौदहवें श्री अनन्तनाथजी मोक्ष जाने के बाद चार सागरोपम बीतने पर श्री धर्मनाथजी मोक्ष गये। उनके बाद तीन सागरोपम अधिक पैंसठ लाख चौरासी हजार नौ सौ अस्सीवें वर्ष में पुस्तकलेखन हुआ। (13) तेरहवें श्री विमलनाथ मोक्ष जाने के बाद नौ सागरोपम बीतने पर श्री अनन्तनाथजी मोक्ष गये। उनके बाद सात सागरोपम अधिक पैंसठ लाख चौरासी हजार नौ सौ अस्सीवें वर्ष में पुस्तकलेखन हुआ। (12) बारहवें श्री वासुपूज्यस्वामी मोक्ष जाने के बाद तीस सागरोपम बीतने पर श्री विमलनाथजी मोक्ष गये। उनके बाद सोलह सागरोपम अधिक पैंसठ लाख चौरासी हजार नौ सौ अस्सीवें वर्ष में पुस्तकलेखन हुआ। (11) ग्यारहवें श्री श्रेयांसनाथ का निर्वाण होने के बाद चौवन सागरोपम बीतने पर श्री वासुपूज्यस्वामी मोक्ष गये। उनके बाद छियालीस सागरोपम अधिक पैंसठ लाख चौरासी हजार नौ सौ अस्सीवें वर्ष में पुस्तकलेखन हुआ। (10) दसवें श्री शीतलनाथजी मोक्ष जाने के एक सौ सागरोपम तथा छासठ लाख छब्बीस हजार वर्ष अधिक- इतने वर्ष एक करोड़ सागरोपम में से कम, याने एक करोड़ सागरोपम में से एक सौ सागरोपम कम करें तथा छासठ लाख छब्बीस हजार वर्ष और कम करें, तब शेष जितने वर्ष रहें, उतने वर्ष बाद श्री श्रेयांसनाथजी का निर्वाण हुआ। उनके बाद बयालीस हजार तीन वर्ष और साढ़े आठ महीने कम ऐसे छासठ लाख छब्बीस हजार वर्ष अधिक एक सौ सागरोपम बीतने के बाद श्री महावीरस्वामी मोक्ष गये।