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नीतिशास्त्र की परिभाषा | ७१
स्कन्ध आदि के सम्बन्ध में विशेष सारगर्भित और गहन ज्ञान उपलब्ध है, उसे ही पश्चिम परमाणु विज्ञान (Atomic Science) कहता है ।
इसी प्रकार की स्थिति शास्त्र और विज्ञान के सन्दर्भ में रही है । भारतीय मनीषियों ने जिसे शास्त्र कहा, उसे पश्चिमी लोगों ने विज्ञान नाम से अभिहित किया। इसीलिए श्री विल ड्यूरेन्ट ने विज्ञान की परिभाषा देते हुए कहा कि जो विश्लेषण करे, वह विज्ञान है ।
किन्तु इतनी गहराई तक न पहुंचने वाले सामान्य लोग विज्ञान और शास्त्र में अन्तर मानते हैं । यह अन्तर सतही है; पर है तो सही।
विज्ञान का आधार निरीक्षण (observation) और प्रयोग (experiment) है जबकि शास्त्र का आधार अनुभव (experience) और योग है। निरीक्षण और प्रयोग के बाद ही अनुभव होता है, यह सार्वकालीन सत्य दिन के उजाले की तरह स्पष्ट है ।
हाँ, यह अवश्य है कि पश्चिम में प्रयोगों के लिए प्रयोगशालाएँ (laboratories) बनी हुई हैं। किन्तु ये प्रयोगशाला परीक्षण भी सीमित जानकारी ही देते हैं, आखिर तो प्रयोग बाहर ही करने पड़ते हैं। उदाहरणार्थ, चिकित्सा विज्ञान में किसी नई औषधि का निर्माण प्रयोगशाला में किये प्रयोगों से हो सकता है, और होता है; किन्तु उस औषधि की गुणवत्ता का सत्यापन आदि तो जीवधारियों/मनुष्यों पर ही करके किया जा सकता है। तभी वे प्रयोगशाला-प्रयोग सत्य माने जाते हैं।
वस्तुस्थिति यह है कि 'विज्ञान' कहने का पश्चिमी लोगों में एक फैशन सा है। वे ज्ञान की प्रत्येक शाखा को विज्ञान कहते हैं और उसी रूप में प्रचारित भी करते हैं । स्वास्थ्य, कृषि, औषधि आदि यहां तक कि भोजन सम्बन्धी ज्ञान भी, उनकी शब्दावली में विज्ञान है। आत्मा और आत्मिक भावों को भी वे विज्ञान कहते हैं। यथा-spiritual science आदि । और उसी प्रवाह में भारतीय मानस भी बह रहा है । अस्तु,
यही कारण है कि पश्चिमी विद्वानों को विज्ञान के तीन विभाग करने पड़े-(१) विधायक विज्ञान (२) व्यावहारिक विज्ञान और (३) नियामक विज्ञान।
Science is an analytic description.
-Will Durant : Story of Philosophy, Introduction, p. xxvii.
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