Book Title: Jain Nitishastra Ek Parishilan
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 552
________________ ५१० | जैन नीतिशास्त्र : एक परिशीलन नीतिवाक्यामृत-आ० सोमदेवसूरि भगवान महावीर : एक अनुशीलननीतिवाक्यामृत में राजनीति-सं० देवेन्द्र मुनि शास्त्री __ एम० एल० शर्मा भारतीय नीतिशास्त्र-डा० दिवाकर नीतिशतक-भर्तृहरि पाठक नेमिनाथ चरियं भारतीय नीतिशास्त्र-डा० रामनैतिक जीवन के सिद्धान्त नाथ शर्मा न्यायकोष भारतीय नीतिशास्त्र का इतिहासपरमात्ममार्गदर्शक-पूज्य अमोलक भीखनलाल आत्रेय ऋषि जी म० भोज प्रबन्ध पातंजल योगशास्त्र मनुस्मृति-आ० मनु पारसी धर्म क्या कहता है ? महाभारत-महर्षि वेदव्यास -श्रीकृष्ण दत्त भट्ट महावीर चरियं पाश्चात्य नीतिशास्त्र-डा० राम- महापुराण --जिनसेन नाथ शर्मा मुण्डकोपनिषद् पुरुषार्थ सिद्ध युपाय- आ० अमृतचन्द्र मूल प्रवृत्तियों का सामाजिक जीवन पंचतन्त्र मे स्थान पंचाशक (उत्तरार्ध) मूलाचार प्रतिक्रमणत्रयी यजुवंद प्रतिक्रमण सूत्र यशस्तिलकचम्पू-आ० सोमदेवसूरि प्रवचनसारोद्धार यटिलिटेरियनिज्म प्रश्नव्याकरण सूत्र योगबिन्दु-आ० हरिभद्र प्रश्नोत्तर श्रावकाचार योगशास्त्र- आचार्य हेमचन्द्र प्रश्नोपनिषद् रत्नकरंड - श्रावकाचार-आचार्य प्रज्ञापना सूत्र प्राकृत विमर्श-सरयू प्रसाद अग्रवाल समन्तभद्र प्राकृत सुभाषित संग्रह-शाह रहीम ग्रन्थावली प्राकृत सूक्ति कोष राजवातिक-आ. अकलंक बनारसी विलास रामचरितमानस-तुलसीदास बिहारी सतसई रायपसेणिय सुत्त बृहत्कल्पभाष्य लैंग्वेज, ट्रथ एण्ड लाजिक-ए. जी. बृहदारण्यक उपनिषद् भगवती सूत्र वसूनन्दि श्रावकाचार - आचार्य भगवान बुद्ध वसुनन्दि एयर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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