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जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति-६/२४९
जम्बूद्वीप में पर्वतों की कुल संख्या २६९ है । जम्बूद्वीप में ५६ वर्षधरकूट, ९६ वक्षस्कारकूट, ३०६ वैताढ्यकूट तथा नौ मन्दरकूट हैं । इस प्रकार कुल ४६७ कूट होते हैं ।
भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत् भरतक्षेत्र में कितने तीर्थ बतलाये गये हैं ? गौतम ! तीन, मागधतीर्थ, वरदामतीर्थ तथा प्रभासतीर्थ । इसी तरह ऐवतक्षेत्र और महाविदेहक्षेत्र में भी जानना । यों जम्बूद्वीप के चौतीस विजयों में कुल १०२ तीर्थ हैं । जम्बूद्वीप में अड़सठ विद्याधर-श्रेणियाँ तथा अड़सठ आभियोगिक- श्रेणियाँ हैं । इस प्रकार कुल १३६ श्रेणियाँ हैं । जम्बूद्वीप के अन्तर्गत ३४-३४ चक्रवर्तिविजय, राजधानियाँ, तिमिस्र गुफाएँ, खण्डप्रपात गुफाएँ, कृत्तमालक देव, नृत्तमालक देव तथा ऋषभकूट बतलाये गये हैं ।
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भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत् महाद्रह कितने बतलाये गये हैं ? गौतम ! सोलह । जम्बूद्वीप के अन्तर्गत् १४ महानदियाँ वर्षधर पर्वतों से निकलती हैं तथा ७६ महानदियाँ कुण्डों से निकलती हैं । कुल मिलाकर ९० महानदियाँ हैं । भरत तथा ऐखत में चार महानदियाँ हैंगंगा, सिन्धु, रक्ता तथा रक्तवती । एक एक महानदी में चौदह-चौदह हजार नदियां मिलती हैं । वे पूर्वी एवं पश्चिमी लवण समुद्र में मिलती हैं । भरतक्षेत्र में गंगा महानदी पूर्वी लवणसमुद्र में तथा सिन्धु महानदी पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है । ऐरावत क्षेत्र में रक्ता महानदी पूर्वी लवण समुद्र में तथा रक्तवती महानदी पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है । यों जम्बूद्वीप के भरत तथा ऐरावत क्षेत्र में कुल ५६००० नदियाँ हैं ।
जम्बूद्वीप के अन्तर्गत् हैमवत एवं हैरण्यवत क्षेत्र में चार महानदियाँ हैं-रोहिता, रोहितांशा, सुवर्णकूला तथा रूप्यकूला । प्रत्येक महानदी में अठ्ठाईस अठ्ठाईस हजार नदियाँ मिलती हैं । वे पूर्वी एवं पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती हैं । हैमवत में रोहिता पूर्वी लवणसमुद्र में तथा रोहितांशा पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है । हैरण्यवत में सुवर्णकूला पूर्वी लवणसमुद्र में तथा रूप्यकूला पश्चिमी लवण समुद्र में मिलती है । इस प्रकार जम्बूद्वीप के हैमवत तथा हैरण्यवत क्षेत्र में कुल ११२००० नदियाँ है ।
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में तथा
भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत् हरिवर्ष तथा रम्यकवर्ष में कितनी महानदियाँ बतलाई गई हैं ? गौतम ! चार, -हरिसलिला, हरिकान्ता, नरकान्ता तथा नारीकान्ता । प्रत्येक महानदी में छप्पन छप्पन हजार नदियाँ मिलती हैं हरिवर्ष में हरिसलिला पूर्वी लवणसमुद्र में तथा हरिकान्ता पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है । रम्यकवर्ष में नरकान्ता पूर्वी लवणसमुद्र नारीकान्ता पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है । यों जम्बूद्वीप के अन्तर्गत् हरिवर्ष तथा में कुल २२४००० नदियाँ है । भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत महाविदेह क्षेत्र में दो महानदियाँ हैं- शीता एवं शीतोदा । प्रत्येक महानदी में ५३२००० नदियाँ मिलती हैं । शीता पूर्वी लवणसमुद्र में तथा शीतोदा पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है ।
वर्ष
वक्षस्कार- ६ - का मुनि दीपरत्नसागर कृत् हिन्दी अनुवाद पूर्ण
वक्षस्कार-७
[२५०] भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने चन्द्रमा उद्योत करते थे ? उद्योत करते हैं एवं करते रहेंगे ? कितने सूर्य तपते थे ? तपते हैं और तपते रहेंगे ? इत्यादि प्रश्न । गौतम ! जम्बूद्वीप में दो चन्द्र उद्योत करते थे । करते हैं तथा करेंगे । दो सूर्य तपते थे, तपते हैं और