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आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद रोमफल, पित्त, लह, वीर्य की गिनती की दृष्टि से परिगणना की गई है ।
[१६०] जिसकी गिनती द्वारा अर्थ प्रकट किया गया है ऐसे शरीर के वर्षों को सुनकर तुम मोक्ष समान कमल के लिए कोशीश कर लो जीसके सम्यक्त्व समान हजार पंखडीयां है ।
[१६२] यह शरीर जन्म, जरा, मरण, दर्द से भरी गाड़ी जैसा है । उसे पाकर वही करना चाहिए जिससे सब दुःख से छूटकारा पा शके ।
२८ तन्दुलवैचारिक-प्रकिर्णक-५-हिन्दी अनुवाद पूर्ण
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| आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद-भाग-९-पूर्ण