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छठा अध्ययन
भगवान महावीर
भगवान् महावीर स्वामी के विषय में विशेष जानने का अवसर देखकर जम्बूस्वामी ने पूछा
___ हे भगवन् ! असंख्य जीवों का हित करने वाले धर्म के उपदेशक महावीर स्वामी कौन थे-कैसे थे, यह जानने की इच्छा मेरे समान . ही दूसरों को भी है। इस लिये, श्रापने जैसा सुना हो और जाना हो, वह हम सबको कह सुनाइये । श्री सुधर्मास्वामी कहने लगे
वे महापुरुष सर्वदर्शी थे, केवलज्ञानी थे, दोष मात्र से रहित थे, धृतिमान् तथा स्थिर चित्त के थे। वे समस्त ग्रन्थियों को पार कर गये हैं अतएव अव उनको फिर जन्म प्राप्त नहीं होगा । घरबार का त्याग करने वाले सन्यासी और सूर्य के समान अनुत्तम तप . करने वाले तपस्वी थे । [१६]
वे प्रज्ञान में अक्षय सागर के समान थे; अगाधता और स्वच्छतामें महासागर के समान थे; तेज में देवाधिपति इन्द्र के समान
और सहन करने में पृथ्वी के समान थे। वे अनुभवी थे; कुशल थे; तीव्र बुद्धिमान् थे; क्रोध, मान, माया, और लोभ आदि दोपों के