________________
आई घड़ी अभिनंदन की चरण कमल के वंदन की
Jain Education International
धर्मामृत का पान किया किश्ती को किनारा
तप का तेज निखरा
विरासत में मिली श्रद्धा
श्रद्धानत सिर
सुयोग से स्वास्थ्य लाभ
मुझे मेरा सम्बल मिला सोते को जगाये
धर्म-आराधना का फल
स्तोत्रपाठ का अतुलनीय प्रभाव
नवकार मन्त्र का फलित
काटे के बन्धन
मैंने भी सुना मांगलिक
घनूठी प्राभा
आँखों देखा सत्य
सुना जैसा पाया
बाबजी की कृपा प्रकपनीय है पू. म. श्री उमरावकुंवरजी म. सा. के वर्षावास
श्रीमती सूरज लोढा
नवरतनमल चोरडिया
निर्मलादेवी कामड
दुलीचन्द चौरडिया
तेजराज चौरडिया
कमलादेवी नाहर
मिश्रीलाल तेली
श्रीमती कंचनदेवी मेहता
कोमल जैन
एम. के. जैन
विमला जैन
फतहलाल जैन कु. निर्मला सुराणा
उगमकुंवर मेहता
शिखरचन्द बाफना
श्रीमती सुधा जैन श्रीमती पदमकुंवर
For Private & Personal Use Only
२१६
२१७
२१९
२२०.
२२१
२२१
२२२
२२२
२२३
२२४
२२५
२२५
२२६
१२६
२२७
२२८
२२९
२३१
OO
www.jainelibrary.org