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२२ : श्रमण, वर्ष ५७, अंक ३-४ / जुलाई-दिसम्बर २००६
३०-३४), ४. रामकथा (गाथा ११४), ५. वज्रस्वामी (गाथा १४६), ६. गौतम स्वामी (गाथा १४२), ७. आर्य महागिरि (गाथा २०३-२११), ८. आर्य सुहस्ति (गाथा २०३-२११), ९. विचित्र कर्मोदय (गाथा २०३-२११), १०. भीमकुमार (गाथा २४५-२५०), ११. रुद्र (गाथा ३९५-४०२), १२. श्रावक पुत्र (गाथा ५०६-५१०), १३. पाखण्डी (गाथा २५७), १४. कुरुचन्द्र (गाथा ९५२-९६९), १५. शंख नृपति (गाथा ७३६-७६२) १६. ऋद्धि सुन्दरी (गाथा ७०८) १७. रति-सुन्दरी (गाथा ७०३), १८. गुण सुन्दरी (७१३), १९. नृप पत्नी (गाथा ८६१-८६८)। ३. भावना और वृत्तिप्रधान कथायें
१. गालव (गाथा ३७८-३८२), २. मेघकुमार (गाथा २६४-३७२), ३. तोते की पूजा (गाथा ९७५-९९६), ४. वृद्धा नारी (गाथा १०२०१०३०) ४. व्यंग्य प्रधान कथायें
१. कच्छप का लक्ष्य (गाथा १३), २. युवकों से प्रेम (गाथा ११३) ५. बुद्धि चमत्कार प्रधान कथायें
१. चतुर रोहक (गाथा ५२-७४), २. पथिक के फल (गाथा ८१), ३. अभयकुमार (गाथा ८२), ४. चतुरवैद्य (गाथा ८०), ५. हाथी की तौल (गाथा ८७), ६. मंत्री की नियुक्ति (गाथा ९०), ७. व्यंतरी (९४), ८. कल्पक की चतुराई (१०८), ९. मृगावती कौशल (गाथा १०८)। ६. प्रतीक प्रधान कथायें |
१. धन्य की पुत्र वधुयें (गाथा १७२-१७९) ७. मनोरंजन प्रधान कथायें
१. जामाता परीक्षा (गाथा १४३), २. राजा का न्याय (गाथा १२०), ३. विषयी सुख (पृ० ३९८) ८. नीति या उपदेशप्रधान कथायें
१. सवलित रत्न (गाथा १०), २. सोमा (५५०-५९७), ३. वरदत्त (६०५-६६३), ४. गोवर (५५०-५९७), ५. सत्संगति (६०८-६६३), ६. कलि (८६७), ७. कुन्तलदेवी (४९७), ८. सूरतेज (१०१३-१०१७), ९. प्रभाव प्रधान कथायें
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