________________ 220 : श्रमण, वर्ष 57, अंक 3-4 / जुलाई-दिसम्बर 2006 पर लाने की अपील की। इस संगोष्ठी के कुल 10 सत्रों में लगभग 70 विद्वानों ने अपने शोध आलेखों का वाचन किया। जिन विद्वानों ने अपने आलेख पढ़े उनमें मुख्य हैं- समणी कुसुम प्रज्ञा ( देशाटन एवं प्राचीन यातायात-पथ), समणी ज्योतिप्रज्ञा (भारतीय संस्कृति को श्रमण परम्परा का योगदान), प्रो० नन्दलाल जैन (जैन परम्परा और पर्यटन), प्रो० भागचन्द जैन (जैन पुरातत्त्व और मूर्तिकला), (प्रो० रामजी राय पर्यटन स्थल राजगीर के विकास में जैनों का अवदान), प्रो० सुदर्शन मिश्र (बिहार के जैन पर्यटन स्थल- एक अवलोकन), डॉ० पाण्डेय अजयशंकर (पर्यटन का केन्द्र वैशाली), प्रो० संघसेन (श्रमण परम्परा को डॉ० भीमराव अम्बेडकर का अवदान), डॉ० सुनीता कुमारी (तीर्थ और पर्यटन-धार्मिक और लौकिक व्याख्याएँ), अंजनी कुमार मिश्र (पर्यटन की दृष्टि से वाराणसी के जैन तीर्थ), डॉ० शशि मिश्र बछउर (आजमगढ़) से प्राप्त कुछ जैन मूर्तियाँ), Dr. Rajjan Kumar (Tirtha, Tourism and Jainism), Prof. S. C. Bageri (Buddhist Heritage tourism in India : A study of Destination Interpretation and resources conservation in Uttar Pradesh and Nepal Footheels), Dr. Ashok Kumar Singh (Development of Jaina Yoga); Dr. B. N. Sinha (Contribution of Sramana Tradition to Indian Culture & Tourism), Prof. M. N. P. Tiwari (Devagarha and Tourism), Dr. Arindam Bhattacharya (The Mahaparinibbanasutta & the Evolution of Buddhist Sacred Place), Dr. Kamal Jain (Pratikramana an unparallel Contribution of Sramana Tradition to Indian Culture), Dr. R. K. Jha (Sramana Tradition & Tourism), Dr. A. P. Singh (Sravasti: the Sacred Place of Sramana Tradition), Dr. Saswati Mutsuddi (Buddhist Samaneri Tradition: Past & Present), Dr. Rajesh Ranjan (Contribution of Sramanas to the Indian Tradition of Exegetical Literature), डॉ० इन्द्रेशचन्द्र सिंह (श्रमण परम्परा का भारतीय संस्कृति को अवदान), डॉ० हरिशंकर पाण्डेय (वैदिक एवं जैन चिन्तन में कला-विमर्श), डॉ० सुधा जैन (भारतीय संस्कृति को जैन धर्म का अवदान- प्रेक्षाध्यान), सुश्री प्रतिभा मिश्रा (भारतीय संस्कृति को जैन धर्म का अवदान), डॉ० राघवेन्द्र पाण्डेय (भारतीय न्यायशास्त्र को जैन न्याय का अवदान), श्री ओमप्रकाश सिंह (श्रमण परम्परा का पवित्र स्थल राजगृह), कु० ऋचा सिंह (पश्चिम भारत में जैन धर्म एवं तत्सम्बन्धी स्थल), डॉ० संजय कुमार पाण्डेय (भारतीय संस्कृति एवं पर्यटन में Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org