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७६ : श्रमण, वर्ष ५७, अंक ३-४ / जुलाई-दिसम्बर २००६
नोइन्द्रिय- इसे नोइन्द्रिय भी कहते हैं, क्योंकि मन सूक्ष्म होता है। इसका कोई आकार नहीं होता है। अनिन्द्रिय या नोइन्द्रिय का मतलब है- ईषत् इन्द्रिया क्योंकि यह इन्द्रियों द्वारा बोध होने वाले विषयों को जानता है। यह इन्द्रिय न होते हुए भी इन्द्रिय जैसा है।
सर्वार्थग्राही- मन सूक्ष्म है तथा इसकी गति सभी इन्द्रियों तक है। अर्थात यह इन्द्रियों के सभी विषयों को जानने और समझने की क्षमता रखता है। इसलिए इसे सर्वार्थग्राही कहते हैं। जो सभी अर्थों को ग्रहण करता है। मन के भेद
मन के दो भेद होते हैं- द्रव्य मन तथा भाव मन। आचार्य महाप्रज्ञ ने द्रव्य मन की व्याख्या करते हुए लिखा है- 'मन के आलम्बन-भूत या प्रवर्तक पुद्गल द्रव्य (मनोवर्गणा-द्रव्य) जब मन रूप में परिणत होते हैं, तब वे द्रव्य मन कहलाते हैं। यह मन अजीव है- आत्मा से भिन्न है। उन्होंने पुन: भाव मन का विश्लेषण करते हुए कहा है- 'विचारात्मक मन का नाम भाव मन है। मन मात्र ही जीव नहीं। किन्तु मन जीव भी है-जीव का गुण है, जीव से सर्वथा भिन्न नहीं है, इसलिए इसे आत्मिक मन कहते हैं। इसके दो भेद हैं- लब्धि और उपयोग पहला मानस ज्ञान का विकास है और दूसरा उसका व्यापार। मन को नोइन्द्रिय, अनिन्द्रिय और दीर्घकालिक संज्ञा कहा जाता है।६
मन को प्रायः सभी दर्शन में चेतना स्वरूप माना गया है। यदि वह चैतन्य है तो जीव ही होना चाहिए, किन्तु जैन दर्शन में द्रव्य मन को अजीव माना गया है। मन के कार्य
मन का काम चिन्तन करना है। इसकी चर्चा संक्षिप्त रूप में पहले हो चुकी है, किन्तु विस्तारपूर्वक समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि मन की जो चिन्तन क्रिया होती है उसके अन्तर्गत निम्नलिखित तथ्य आते हैं
ईहा, अवाय, धारणा, स्मृति, प्रत्यभिज्ञा, तर्क, अनुमान, आगम आदि।
मतिज्ञान के प्रारम्भिक चार स्तर हैं जिन्हें प्रकार भी माना जाता है। वे प्रकार हैं- अवग्रह, ईहा, अवाय और धारणा। जब किसी इन्द्रिय को अस्पष्ट रूप से किसी वस्तु का बोध होता है तो उसे अवग्रह कहते हैं। उसमें मात्र कुछ का बोध होता है। यहाँ तक इन्द्रिय का कार्य होता है। किन्तु जब ईहा की स्थिति आती है तो वहाँ से मन सक्रिय हो जाता है। स्पर्श, रस, गन्ध, रूप तथा ध्वनि का जो बोध हो रहा है, वह क्या है? यह प्रश्न करने वाला मन ही है। फिर वह परिस्थिति को । देखते हुए यह तय करता है कि वह अमुक वस्तु है। उस स्थिति को अवाय कहते
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