Book Title: Sramana 2006 07
Author(s): Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 218
________________ जैन जगत् : 211 युवक महासंघ की मुक्त हृदय से प्रशंसा की। दूसरे दिन 17 सितम्बर को दीप प्रज्वलन के साथ प्रथम सत्र आरंभ हुआ। आज परम पूज्य गुरुदेव श्री विजयवल्लभ सूरीश्वर जी म.सा. की ५२वीं स्वर्गारोहण तिथि थी। श्री सुमेरमल जी बाफना एवं अन्य वक्ताओं ने गुरु वल्लभ का स्मरण किया। परम पूज्य पंन्यास प्रवर श्री मुक्तिरत्नसागर जी म.सा. का उद्बोधन हुआ- कैसे करें जीवन का जीर्णोद्धार? विधायक श्री मंगलप्रभात जी लोढ़ा ने कहा कि जैनों का राजनीति में प्रवेश व वर्चस्व आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। निर्वाचित सभी पदाधिकारियों का तिलक कर, साफा पहनाकर सम्मान किया गया। इसके उपरान्त मुम्बई युवक महासंघ द्वारा अधिवेशन के मुख्य लाभार्थी श्री चम्पालाल जी किशोरचन्द्र जी वर्धन, जैन डॉक्टर्स फेडरेशन के पदाधिकारियों तथा श्री पारसमल जी गुंदेचा का जिन प्रतिमा के रूप में स्मृति चिह्न अर्पित कर सम्मान किया गया। महासंघ की मासिक पत्रिका 'युवक महासंघ' के प्रवेशांक का विमोचन श्री प्रकाश जी कानूंगो के करकमलों से सम्पन्न हुआ। इसी श्रृंखला में छ:रीपालित संघ के ऐतिहासिक आयोजन के लिए राष्ट्रीय महामंत्री श्री भंवरलाल जोशी का सम्मान किया गया। दोपहर के भोजनावकाश के बाद दूसरे दिन का दूसरा सत्र आरंभ हुआ। परम पूज्य आचार्य श्री श्रेयांससूरीश्वर जी म.सा. ने जैन शासन में युवकों की भूमिका पर गुजराती में उद्बोधन दिया। अपने प्रथम अध्यक्षीय उद्बोधन में नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अक्ष्यक्ष श्री गौतम पी. जैन, चेन्नई ने सभी को धन्यवाद देते हुए, सभी का आभार मानते हुए कहा कि हम युवक महासंघ को ऊंचाई पर ले जायेंगे। इसी के साथ श्रेष्ठ कार्य सम्पादन के लिए वार्षिक सम्मानों की घोषणा हुई। राज्यस्तर का सम्राट सम्प्रति सम्मान युवक महासंघ, दिल्ली को; जिला स्तर का मंत्रीश्वर वस्तुपाल तेजपाल सम्मान युवक महासंघ, सूरत को तथा इकाई स्तर का भामाशाह सम्मान अहमदाबाद की अम्बावाड़ी इकाई को प्रदान किया गया। दो व्यक्तिगत सम्मान के रूप में श्री ललित जी दुगड़, जयपुर को श्रेष्ठ युवक रत्न सम्मान तथा श्री मुकेश डी. वर्धन, मुम्बई को युवक रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। मुम्बई युवक महासंघ के महामंत्री श्री प्रकाशभाई शाह ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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