________________ श्रमण, वर्ष 57, अंक 3-4 जुलाई-दिसम्बर 2006 जैन जगत् अखिल भारतीय श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक युवक महासंघ का मुम्बई में युगान्तरकारी अधिवेशन सम्पन्न एकता, संगठन, सेवा, सुखकारिता व स्वधर्मी भक्ति के संकल्प के साथ सुदेव-सुगुरु-सुधर्म की छत्रछाया में अखिल भारतीय श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक युवक महासंघ का यशस्वी युगान्तरकारी सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन 16 व 17 सितम्बर, 2006 को श्री आदीश्वर भगवान जैन मंदिर, भायखला, मुम्बई के प्रांगण में अपूर्व हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। परम पूज्य आचार्य प्रवर श्री राजयशसूरीश्वर जी म.सा., परम पूज्य पंन्यास प्रवर श्री मुक्तिसागर जी म.सा., परम पूज्य पंन्यास प्रवर श्री अभयरत्नसागर जी म.सा., परम पूज्य पंन्यास प्रवर श्री राजहंस विजय जी म.सा., परम पूज्य पंन्यास प्रवर श्री जयप्रभ विजय जी म.सा., परम पूज्य मुनि श्री नयपद्मसागर जी म.सा. आदि गुरुभगवंतों की पावन निश्रा में 16 सितम्बर की प्रात: 10.00 बजे अधिवेशन का शुभारम्भ हुआ। सभामण्डप का उद्घाटन गुरु भगवंतों की निश्रा में महासंघ पदाधिकारियों ने फीते में लगी गांठ खोल कर किया। परम पूज्य आचार्य प्रवर श्रीराजयशसूरीश्वर जी म.सा. के मंगलाचरण के तुरन्त बाद समवेत रूप से मंगल दीप प्रज्वलित किया गया। ___ मुम्बई युवक महासंघ के अध्यक्ष श्री भरतभाई शाह ने अपने स्वागत भाषण में अधिवेशन में पधारे सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया। युवक महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री श्री भंवरलाल दोशी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ललित कुमार नाहटा ने अपना उद्बोधन दिया। इन्दौर से पधारे ह्रींकार गिरि तीर्थ के संस्थापक श्री नवीनभाई कोठारी (पेनजॉन वाले) ने पूज्य मुनि श्री का अगला चातुर्मास ह्रींकार गिरि तीर्थ में तथा युवक महासंघ का आठवां राष्ट्रीय अधिवेशन इन्दौर में करने का निवेदन किया। परम पूज्य आचार्य प्रवर श्री राजयशसूरीश्वर जी म.सा. ने अधिवेशन में पधारे प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें एकता के संदर्भो को पुन: रेखांकित करना होगा। परम पूज्य पंन्यास प्रवर श्री राजहंसविजय जी म.सा. ने Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org