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जैन चिन्तन में मन की अवधारणा : ७९
• सन्दर्भ १. मन: मननं मन्यते अनेन वा मनः। जैन दर्शन : मनन और मीमांसा, मुनि नथमल,
पृ०- ४८७ २. सर्वार्थग्रहणं मनः। प्रमाणमीमांसा, १/२/२४ ३. भगवतीसूत्र, १३/७/४९६ ४. प्रश्नव्याकरण (आश्रवद्वार), २ ५. सूयगडो, १/१२ (वृत्ति) ६. जैन दर्शन : मनन और मीमांसा, मुनि नथमल, पृ०- ४८८ ७. सन्मतिप्रकरण, काण्ड-२ ८. न्यायसूत्र, १/१/१६ ९. जैन दर्शन : मनन और मीमांसा, मुनि नथमल, पृ०- ४९१
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