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श्रमण, वर्ष ५५, अंक १०.१२
अक्टूबर-दिसम्बर २००४
प्राचीनतम एक दुर्लभ जैन पाण्डुलिपि
प्राचार्य कुन्दन लाल जैन* ___मैंने दिल्ली के भण्डारों में स्थित हस्तलिखित पाण्डुलिपियों का विस्तृतसूचीकरण आधुनिक अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक तकनीक पर किया है जिसके दिल्ली जिनग्रन्थ रत्नावली तथा दिल्ली जिनग्रन्थ रत्नाकर के नाम से दो भाग प्रकाशित हो चुके हैं। अभी छह भाग छपने को तैयार पड़े हैं पर न तो किसी व्यक्ति विशेष को अथवा न ही किसी संस्था विशेष को इनके प्रकाशन की चिन्ता है। शोधार्थियों एवं मूल ग्रंथ के संपादक को इन सूचियों (Catalogues) की नितान्त आवश्यकता रहती है। मैंने अपने ग्रंथ में (Cross reference) भी दिया है जिससे शोधार्थी को उस प्रति का सन्दर्भ अन्य ग्रंथों में कहां-कहां विद्यमान हैं, ज्ञात हो जाता है। इस से उनको संपादन में श्रम तथा समय की बचत होगी।
.. जैसलमेर, जोधपुर, पाटन आदि श्वेतांबर ग्रन्थ भंडारों की व्यवस्था बड़ी सराहनीय और सुरक्षित है। यहां पाण्डुलिपियों को जरा भी नुकसान नही हो पाता है। स्टील की अलमारियों में कीटनाशक डिब्बे लगे हुए हैं और उन डिब्बों में पाण्डुलिपियां पूर्णतया सुरक्षित हैं। सम्पूर्ण भारतवर्ष के सभी विशिष्ट भण्डारों में ऐसी ही सुरक्षा के उपाय होना चाहिए। भले ही यह कार्य व्ययपूर्ण है पर पूर्वजों से प्राप्त अमूल्य सांस्कृतिक निधियां तो युग-युगों तक बच सकेंगी। मुनि जिनविजय ज़ी तथा पुण्यविजय जी जैसे मनीषी विद्वानों ने इस दिशा में अनथक प्रयास और परिश्रम किया है जो अति सराहनीय है।
इसी संदर्भ में मुझे ज्ञात हुआ कि जैसलमेर के ग्रन्थ भण्डार में एक प्राचीनतम ताड़पत्रीय प्रति संरक्षित है जिसका नाम है विशेषावश्यकभाष्य और जिसके रचनाकार हैं जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण। इसके एक छन्द से मुनिश्री जिनविजय जी ने निर्णय किया था कि यह बुधवार स्वाति नक्षत्र चैत्र सुदि पूर्णिमा शक सं० ५३१ की है। उस समय राजा शीलादित्य का राज्य था। आज शक सं० १९२७ चल रहा है। इससे पता चलता है कि इसकी रचना या प्रतिलिपि लगभग १४०० वर्ष पूर्व हुई थी। इतनी प्राचीन प्रति विरली ही प्राप्त होती है। यद्यपि प्रति जीर्णशीर्ण है पर आज तो ऐसी वैज्ञानिक विधियां तैयार हो गई हैं जिनसे प्रति को पूर्ण सुरक्षित बनाया जा सकता है अत: जैसलमेर के अधिकारी उसे दुरुस्त कराकर उसकी फोटो कापी रख लें जिससे कोई भी शोधार्थी सम्पादन सरलता से कर सकता है। * श्रुत कुटीर, ६८ विश्वासमार्ग, विश्वासनगर शाहदरा - दिल्ली - ३२
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