________________
श्रीमद्धनेश्वरसूरिविरचितं . सुरसुंदरीचरिअं
(द्वितीय परिच्छेद)
मुनिश्री विश्रुतयशविजयकृत संस्कृत छाया, गुजराती और हिन्दी
अनुवाद सहित
पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी
२००४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org