Book Title: Sramana 2004 10
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 56
________________ फतेहपुर सीकरी से प्राप्त श्रुतदेवी (जैन सरस्वती) की प्रतिमा : ५१ लक्ष्मण का पुत्र था। महीपालकालीन ग्वालियर अभिलेखानुसार राजा वज्रदमन ने ९७५-९५ ई० तक शासन किया था।१५ परन्तु आलोच्य अभिलेख इस ग्वालियर नरेश के शासनकाल को १०१० ई० तक विस्तारित करते हुए यह भी उद्घाटित करता है कि वज्रदमन के समय में कच्छपघात वंश का आधिपत्य फतेहपुर सीकरी तक तो निश्चित रूप से स्थापित था। इस अद्वितीय मूर्ति के सौम्य-सौंदर्य को देखते हुए पुरातत्वविद् डॉ० धर्मवीर शर्मा का कथन है कि अब विश्व में फतेहपुर सीकरी को इस अद्वितीय मूर्ति के कारण जाना जायेगा। यदि विश्व में फतेहपुर सीकरी का नाम अमर रहेगा तो इस मूर्ति के कारण। विश्व के किसी भी जैन मन्दिर में इतनी सुन्दर जैन सरस्वती की मूर्ति नहीं है।१६ वास्तव में इतनी प्राचीन मूर्ति होते हुए भी इसका मनमोहक रूप देखते ही बनता है। कौन ऐसा कला-पारखी होगा, जो इसकी अप्रितम सुन्दरता को देखकर दंग न रह जाये? निश्चित रूप से यह अनुपम कृति २०वीं सदी में प्राप्त महत्त्वपूर्ण पुरातात्विक उपलब्धियों में से एक है। स्पष्ट है कि प्राचीन काल में फतेहपुर सीकरी जैन धर्म कलासंस्कृति का लब्ध-प्रतिष्ठित केन्द्र रहा होगा। सन्दर्भ : १. डी०वी० शर्मा, एक्सकेवेसन एट बीरछबीली टीला, सीकरी, पृ० ५६. २-३. न्यूली डिस्कवर्ड इन्स्क्रप्शन्स फ्राम एक्सकेवेशन एट फतेहपुर सीकरी, आ० स० ई०, आगरा सर्किल, पृ० ५. ४. डी०वी० शर्मा, एक्सकेवेसन एट बीरछबीली टीला, सीकरी, पृ० ५६. ५. रिसेन्ट डिस्कवरीज एण्ड कन्जरवेसन ऑव मॉनुमेण्ट्स, आ० स०ई०, आगरा सर्किल, पृ० ३. ६-७. डी०वी० शर्मा, पूर्वोक्त, पृ०५६-६२, न्यूली डिस्कवर्ड इन्स्क्रप्शन्स फ्राम एक्सकेवेशन....., पृ० ७. ८. डी०वी० शर्मा, पूर्वोक्त, पृ० ६१, प्लेट-६ ९. वही, पृ० ६०. १०. वही, पृ० ६२. ११. वही, पृ० ७१; न्यूली डिस्कवर्ड इन्स्क्रप्शन्स....., पृ० ७. १२. न्यूली डिस्कवर्ड इन्स्क्रप्शन्स....., पृ० ८. १३. डी०वी० शर्मा, पूर्वोक्त, पृ० ७१. १४. न्यूली डिस्कवर्ड इन्स्क्रप्शन्स....., पृ० ३. १५-१६. डी०वी० शर्मा, पूर्वोक्त पृ० ६२-६३. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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