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जैन जगत : ९१
विश्वविद्यालय, ने उन्हें जैनियों का गांधी बतलाया। इस कार्यशाला में श्री विमल कुमार जैन, डॉ० अरविन्द त्रिपाठी, श्री सुरेन्द्र जैन, डॉ० सुश्री निर्मला जैन, डॉ० मुन्नी पुष्पा जैन आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए वर्णीजी के अविस्मरणीय योगदान का स्मरण किया। आचार्य हेमचन्द्रसूरि- पुरस्कार वितरण समारोह
एवं आचार्य हेमचन्द्रसूरि- वार्षिक व्याख्यानमाला का प्रथम भाषण सम्पन्न
नई दिल्ली २७ नवम्बर : भोगीलाल लहेरचंद प्राच्य विद्या संस्थान, दिल्ली एवं जसवंत धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा प्रवर्तित आचार्य हेमचन्द्रसूरि पुरस्कार का समर्पण समारोह २६ नवम्बर २००४ को प्रात: १०.३० बजे इंडिया इण्टरनेशनल सेन्टर, मैक्समूलर मार्ग केएनेक्सी सभागार में आयोजित किया गया। ज्ञातव्य है कि २००४ का यह पुरस्कार जर्मन विद्वान् प्रो० विलियम वी० बोली को प्रदान करने की पूर्व में घोषणा की जा चुकी थी। सुप्रसिद्ध विधिवेत्ता डॉ० लक्ष्मीमल सिंघवी ने प्रो० बोली का स्वागत करते हुए उन्हें पुरस्कार राशि एवं आचार्य हेमचन्द्रसूरि की स्वर्ण विभूषित प्रतिमा भेंट की। इस अवसर पर आचार्य हेमचन्द्रसूरि व्याख्यानमाला के प्रथम भाषण का भी आयोजन किया गया, जिसका विषय था - "भगवान् महावीर और भगवान् बुद्ध की चारित्रिक विशेषताओं का विवेचन' जिसमें प्रो० बोली ने अपना विद्वत्तापूर्ण व्याख्यान दिया।
अभिनन्दन डॉ० श्रीमती राका जैन, लखनऊ को दि० २५ अक्टूबर २००४ को गुरुगोपालदास वरैया स्मृति पुरस्कार - २००३ से सम्मानित किया गया।
डॉ० फूलचन्द जैन, रीडरएवंजैनदर्शनाचार्य, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी को विश्वविद्यालय की कार्यसमिति द्वारा प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नत किया गया।
डॉ० ऋषभचन्द जैन 'फौजदार', प्राध्यापक-प्राकृत जैन शास्त्र एवं अहिंसा शोध संस्थान, वैशाली को बिहार सरकार ने उक्त संस्था के निदेशक पद पर नियुक्त किया है।
उक्त विद्वानों को उनके अकादमिक उपलब्धियों के लिये पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से हार्दिक अभिनन्दन।
स्मृति शेष दि० जैन समाज के शीर्षनेता एवं पत्रकारिता के शिखरपुरुष साहू रमेशचन्द्र जैन का ७९ वर्ष की आयु में दि० २२ सितम्बर २००४ को दिल्ली में निधन हो गया। आप
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