________________
९२ : श्रमण, वर्ष ५५, अंक १०-१२/अक्टूबर-दिसम्बर २००४ पिछले कुछ समय से गम्भीर रूप से अस्वस्थ थे। आपका जन्म १५ अगस्त १९२५ ई० को नजीबाबाद में हुआ। आप सुविख्यात टाइम्स ऑफ इण्डिया समाचार समूह के कार्यकारी निदेशक, भारतीय ज्ञानपीठ के प्रबन्ध न्यासी तथा भारत सरकार के भारतीय जन संचार संस्थान के अध्यक्ष रहे। पत्रकारिता में दीर्घ अनुभव के कारण इन्हें इस क्षेत्र का शिखरपुरुष कहा जाता था। पत्रकारिता में उनके उत्कृष्ट योगदान पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार एवं बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी ने उन्हें अपनी सर्वोच्च मानद उपाधियों से सम्मानित किया। आप अपने पीछे पत्नी और दो पुत्र छोड़ गये। आपके निधन से जैन समाज को जो क्षति हुई, उसकी पूर्ति प्रायः असंभव है।
बम्बोरा, उदयपुर निवासी सुश्रावक श्री कन्हैयालाल जी धींग का ९ अक्टूबर २००४ दिन शनिवार को हृदयाघात से निधन हो गया। आप अपने पीछे ज्येष्ठ भ्राता, भाभी, पत्नी, तीन पुत्र, दो पुत्रियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गये हैं।
पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से उक्त दिवंगत महानुभावों को हार्दिक श्रद्धांजलि।
*
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org