Book Title: Shraddh Vidhi
Author(s): Ratnashekharsuri
Publisher: Jain Bandhu Printing Press

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Page 21
________________ ( १८ ) विषयांक. विषय का नाम. २३२ श्रेष्ठ महल में रहने के फायदे ऊपर विक्रमराजाकी कथा. २३३ कालिदास पंडित गायें चराता था पर विद्याके प्रसाद से सन्माननीय होगया उसका दृष्टांत. २३४ इस लोक में न सीख सके तो कमसे कम दो कलाएं तो अवश्य सीखना. २३५ पाणिग्रहण करनेका स्वरूप. २३६ वर कन्या के लक्षणकी परीक्षा. २३७ आठ प्रकार के विवाह. २३८ स्त्रीका रक्षण करनेके उपाय. २३९ मित्र कैसे करना ? उसका स्वरूप. २४० जिनप्रतिमा बनवानेका स्वरूप. मूल गाथा १५ २४१ जीर्णोद्धार करनेका स्वरूप. २४२ जीर्णोद्धार करानेवाले मंत्री वाग्भट, भीम और आंबडमंत्री के दृष्टांत. २४३ जिनप्रतिमा स्थापन करने का स्वरूप. २४४ जीवन्तस्वामिकी प्रतिमाका और उदयनराजा का चरित्र. २४५ प्रतिमा किस २ वस्तुकी बनवाना ? उसका स्वरूप. २४६ कैसी प्रतिमा पूजने के योग्य है ? उसका स्वरूप. पृष्ठांक. ७४४ ७४५ ७४६ ७४७ ७४८ ७४९ ७५० ७५१ ७५१ ७५४ ७५५ ७५६ ७५७ ७६८ ७६९

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