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वात पताई रावल साको कियो तेरी
वेगड़ो महमद गुजरात पातसाही करै ।' सु पताई रावळ ऊपर मुहीम कीवी। सु पावैगढनूं वरस १२ तांई घेरियो। पछै पताई रावळरै साळो सइयो वांकलियो तिकेरो वडो मामलो, वडो इतबार; गढीरी कूची तै वसू । तद पातस्याहसू स्याजस कीवी । कह्यो जु'म्हने सगळां ऊपर करो तो हूं गढरी कूची देऊ । तद पातस्याह कोल दियो । गढरी कूच्यां पातस्याहनूं दीवी। तद पताई रावळनू खबर हुई जु-'गढ पालटियो।" तद पताई रावळ भीतर रांणियांन पर बीजाही जनांन सारैनू कह्यो-'थे ज्युहर करो।" तद राणिया कह्यो-'म्हे ही रजपूतांणियां छां,1° म्हे ऊंची चढस्यां; अर नीचे लकड़ियारो झूपो करो।' ज्यु-ज्यु थे काम आस्यो, त्यु-त्यु म्हे कूद पड़स्यां ।' पछै गढ भिळियो, अर काम आवण लागा; तद झै रजपूतांणियां आग माहै कूद-कूद पड़वा लागी। तद सइयो वांकलियो पातस्याह कनै ऊभो पातस्याहनूं दिखावै छै-13 'प्रो फलांणो रजपूत काम आयो अर आ रजपूतांणी कूद पड़ी।14 तद पातस्याह देख अर कह्यो जु-'साबास में रजपूत, रजपूतांण्यां कू ।' पछ सरब काम प्राय चुका । सर्व रजपूतांण्यां प्राग माहै पड़ी, तद पातस्याह सइये वांकलियेनू साबास दीवी । अर
___I गुजरातकी बादशाहत महमूद वेगडा कर रहा है। 2 वह पताई रावल के ऊपर सेना लेकर चढ आया। पताई रावल का नाम यशवतसिंह था, पर इसका प्रसिद्ध नाम यही था। यशवतसिंह बडा प्रतापी वीर पुरुष हुआ है। 3 पावागढको १२ वर्ष तक घेरे रहा। पावागढ, बडोदाके निकट बडोदा-रतलाम रेलवे लाइन पर चापानेरसे पावागढको जाने वाली एक शाखा लाइन पर स्थित है। 4 रावल पताईका एक सइयो वांकलियो नामका साला, जिसका वडा रोव, बडा एतवार वाला, गढकी चाबियां उसके अधिकारमें। 5 उसने बादशाहसे मिल करके साज़िश कर ली। 6 मुझको सबसे ऊपरी (ओहदेदार) करो तो मैं गढकी चाबी दे दू। 7 गढ (का अधिकारी) बदल गया। 8 दूसरेभी। , तुम जौहर करो। 10 हम भी राजपूतानियां है। II नीचे सुलगती हुई लकड़ियोंका गज लगा दो। 12 फिर गढ पर अधिकार हो गया। 13 तब सइयो वाकलियो बादशाह के पास खडा रह फर बादशाहको दिखा रहा है। 14 यह अमुक राजपूत मरा और यह उसकी (पत्नी) राजपूतानीने ऊपरसे अग्नि मे कूद कर जौहर किया।