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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ ७३ छ । ताहरां सारी सांढियां गोगाजी संभाही । पण गोगाजीरै मनमें विसवास रह्यो नहीं-'ज दोदो आज जोर बळ छै । तैरी सांढिया कैसू लीवी जावै ?' पण कठे बीजी जायगासू ले आयो छ ।'
ताहरां गोगोजी पाबूजी भगत करी नै विचारी-'जु पाबूरी करामात पण देखीस ।” ताहरां गोगोजी पाबूजी आरोगिया।
आरोगनै बैठा, ताहरां गोगोजी पाबूजीनू कही-'पाबूजी ! म्हारै केईरो नामलियो वैर छ । सो थे अठे रहो तो वैर लिया'० ताहरा पावूजी कही-'बोहत भला, रहिस्यां ।11 ___पछै रात पड़ी । ताहरां गोगैजी पाबूजीन कही-'श्रांपै परभाते सौण लेस्यां । जो सौण आछा हुआ तो चढस्यां ।13 ताहरां पाबूजी कह्यो-'सवण किसा लेस्यां ?14 आप जठी चढस्यो तठी फतै कर आवस्यां । ताहरां गोगोजी कही-'राज ! अापणी धरती माहै स तो सवण मांनीजै छै ।16 ताहरां रात तो अ पोढि रह्या ।” - अर परभात हुवौ ताहरां गोगोजी पाबूजी दोनू घोडां चढि सवण लेणनू हालिया । तठे सवण तो कोई हुवी नही। ताहरां एक रूंख हेठे ही जाजम विछायनै दोनूं सिरदार सूता ।20 घोडा दोन चरणनू ढाळिया ।1 इतरै ठंडो वगत हुवौ । ताहरां औ जागिया। ___ ताहरां गोगैजी कह्यो-'घोड़ा हू ले आऊं छू, ज्यु प्रांपा घरै हालां । ताहरां पाबूजी कह्यो-'राज ! आप विराजो । ह ले
____ I एक वाडे (कटी हुई पूछके) ऊटके विना तमाम वर्ग मौजूद है। 2 सभाल ली। 1 उसकी साढनिया किससे ली जायें? 4 कही दूसरी जगहसे ले आया है। 5 भोजन आदिकी तैयारी की। 6 और। 7 देखूगा। 8 भोजन किया। 9 मेरे किसीके साथ साधारण-सा वैर है। 10 सो तुम यहाँ रहो तो वैरका बदला लू । II रहेगे। 12 अपन प्रभातमे शकुन लेगे। 13 चढेंगे, चलेंगे। 14 शकुन क्या लेंगे ? IS आप जिघर चलेंगे उधर ही फतह कर पायेंगे। 16 अपने देशमे तो शकुन देख कर ही काम करना अच्छा माना जाता है। 17 तवरात तो ये सो रहे। 18 चले। 10 वहा । 20 तब एक वृक्षके नीचे जाजम विछा करके दोनो सरदार सो गये। 21 दोनो घोडे चरनेको छोड दिये। 22 इतनेमे ठडा वक्त हो गया। 23 तब ये जगे। 24 घोडे में ले आता हू, फिर अपन घरको चले। 25 आप वैठिये।