Book Title: Munhata Nainsiri Khyat Part 03
Author(s): Badriprasad Sakariya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 261
________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ २५३ झरोखै बैठा छ । ताहां दोय बळा हियां न हुकम कियो-'भारा २ लकड़ियांरा बहेलवैरै तळाव झोटेळाव ऊपर वड़ छ, तेथ जाय नांखो। ताहरां बळाहियां ले जाय लकड़ियां नांखी। जगमालजी खुसी थका बैठा छ । रात घडी ४ गई छ । खवास, प्रधान, उमराव मुहडै आगै ऊभा छ । ताहरां सिखरैजीनं जगमालजी कहियो-'आज राज घरे पधारो। एकै भाभी'नं कहियो-'सिखरैजीनं एक बाकरो आंण देजो। सिखरैजीनू कहियो-'सिखरोजी ! आज झोटेळाव ऊपर सूळा करै घरे जाईजो।" ताहरां सिखरैजी बाकरैरो कान चीरनै साथै बांध लियो नै जाय तळाव पुहुता।' चढियै ही वडरी साखसौ डोर बांधी ने घोड़ेसू नीचे उतरिया ।' पास दोवड़ थी तिका नीचे विछाई । घोड़ेरै दुबकी दीधी।11 ऊपर ढाल मेल्ही । ढाल ऊपर आपरा हथियार मेल्हिया ।13 चकमक झाड़ अगन कीवी।14 अगीठो जगायो।। सिनोन पोत काढी । आप तळाव माहै पैठा।" ताहरां झोटिंग भैसेरो रूप कर पर आयो। प्रो ठाकुर बोलियोहीज नहीं । सिखरो पाछो आयनै तरवार ले बाकरो मारियो । बाकरो मारियां पछै झोटिंग एक विपरीत रूप भूत करनै आयो । अकास सीस, पग धरती, इसो भूत आवतो दीठो।" चवदसरी चांदणी रात हुती । ___I वळाही = निम्न श्रेणीकी एक जाति का पुरुप। 2 झोटेलाव तालाबके ऊपर जहा वड वृक्ष है वहाँ जाकर लकडियोके दो भारे (गठ्ठड) डाल दो। 3 खवास (चाकर) प्रधान और उमराव मुहके सम्मुख खडे हैं। 4 आज आप घर पर पधारें। 5 भाभी (भावी, वाभी)= निम्न श्रेणीकी एक जाति का पुरुप। 6 सिखराजीको एक बकरा लाकर दे देना। 7 आज झोटेलाव तालाब पर शूले (कबाब) बना कर घर पर जाना । 8 पहुचे। 9 घोड़े पर चढे-चढे ही बडकी शाखा (जटा)से डोरको वात्र कर घोड़ेसे नीचे उतरे। 10 दोवड = दो परतो वाली चादर। I घोडोको दुमची दे दी। 12 रखी। 13 रख दिये। 14-15 चकमकको झाड कर अग्नि बनाई और अगीठी जगाई। 16-17 स्नान करनेके लिये घोती निकाली और तालावमे प्रवेश किया। 18 यह। 19 ऐसा भूत प्राता हुआ देखा। 20 उस दिन शुक्ल पक्ष चौदसकी चादनी रात थी।

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