Book Title: Munhata Nainsiri Khyat Part 03
Author(s): Badriprasad Sakariya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

View full book text
Previous | Next

Page 276
________________ २६८ ] मुहता नैणसीरी ख्यात. हुईजै ।' ताहरा भोज ऊ घोड़ो, ऊ वागो खवासन बगसिया । श्राप बोजो' वागो पहरियो। बीजै घोडै असवार हुवा । उवै घोड़े खवास चढियो। पातसाहरै मुजरै गयो । अठै दूदो पण असवार हुवो। भोज पातसाहसू मुजरो कर पूठो बाहुडियो।' दूदै दरबार माहै नीसरतां उवै वागै खवास हुतो. सु खवासनू कटारी वाही ।' 'ताहरा खवास करकियो।' ताहरा दूदै अपूठो घोडो वाळ अर कह्यो-'रे । हेरो खोटो कियो। कह्यो-'जी, म्है हेरो खरो कियो हुतो।" ताहरा कह्यो-'रे । भोज राव सुरजनरो बेटो, कटारी लागां करके क्यु ?10 म्हारो भाई कटारी लागा क्यु करकै ?' ताहरा खबर कराई। ताहरा कह्यो-जी, ऊ वागो, घोड़ो खवासन दिया।' ताहरा दूदो अपूठो बूदी आयो। प्रायनै कह्यो'भोजनू पातसाह आगळ कुण मेल्हियो ?'11 ताहरा कह्यो-'जी, हमीर दहियै मेल्हियो।' ताहरा दूदो तीन हजार पाखरियासू हमीररै गाव किरवाड जाय उतरियो । उतरनै हमीरनू कह्यो-'भोजनू लाख रुपिया दीना, मोनू ही लाख रुपिया दे, काय मारिस ।13 म्हारै वापरी रजपूत छै। छाडू नहीं, नही तो मारू । तै भोजन क्यू मूकियो, पातसाह प्रागै ?14 ताहरा हमीर विचारियो-'कासू कीजै ?15 ताहरां हमीर छोटे भाई दौलतखाननू तेड़ियो । तेड़नै पूछियो- भाई ! कासू विचार की ? मुसकिल घणी ही आई छ। जे रुपिया द्या तो जाट-गूजर कहावां। हाडोतीमे भूडा दीसा । न द्या तो मारीजा ।'19 ___ I तब भोजने उस घोडे और उस वागेको खवासको बख्शिश कर दिया। 2 दूसरा। 3 दूसरे। 4 उस घोडे पर खवास चढा। 5 भोज वादशाहको मुजरा करके पीछा लौटा, 6 दूदेने दरबारसे निकलते हुए उस बागेको पहने हुए खवास था इसलिये, खवासको कटारी मार दी। 7 तब खवास चिल्लाया। 8 तव दूदेने घोडा अपूठा (उल्टा) लौटा कर कहा कि अरे | जाच गलत की। 9 मैंने जाच पक्की की थी। 10 राव सुरजनका वेटा होकरके कटारी लगनेसे क्यो करके ? II भोजको वादशाहके आगे किसने भेजा? 12 तब दूदा तीन हजार परवरेत सवारोंके साथ हमीरके गाव किरवाडमे जाकर उतरा। 13 मुझको भी लाख रुपये दे नही तो मारू गा। 14 तूने भोजको बादशाहके आगे क्यो भेजा ? 15 क्या किया जाय ? 16 बुलवाया। 17 बुला करके। 18 बहुत ही मुश्किल पा बनी है। 19 यदि रुपये दें तो जाट-गूजर कहलाएँ, हाडोतीमे बुरे दीखें और नही देते हैं तो मारे जाते है।

Loading...

Page Navigation
1 ... 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304