Book Title: Munhata Nainsiri Khyat Part 03
Author(s): Badriprasad Sakariya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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मुहता नणसोरी ख्यात
| २१६ ६, नवमों अजवाराह हुनो। तिण पूरबमें अजैपुर वसायो, तिणसू अजबेरिया कहांणा ।'
१०. दसमो सूरदेव हुप्रो । तिण सूरपुर वसायो, तिणसू सूरा कहाणा ।
११. इग्यारवों धीर हुओ । तिण धीरावादगढ करायो, तिणसू धीरा कहांणा ।
१२. बारवो क्रपाळदेव हुो । तिण कँवळपुर वसायो, तिणसू कपाळिया* कहाणा ।
१३. तेहरवो खीमपाळ हुमो । तै खैरावाद नगर वसायो, तिणसू खैरूंदा कहाणा ।
I नौवां पुत्र अजवाराह (अजयवार) हुआ जिसने पूर्वमे अजयपुर बसाया। उसके वंशज अजवेरिया कहाये।
2 दशवा सूरदेव हुआ जिसने सूरपुर वसाया। उसके वशज सूरा कहलाये।
3 ग्यारहवां पुत्र धीर उत्पन्न हुआ जिसने धीरावदगढका निर्माण कराया । इसके वशज धीरा कहलाये।
4 बारहवां पुत्र कृपालदेव हुपा जिमने कमलपुर वसाया। इसके वंशज कपालिया कहलाये।
5 तेरहवां पुत्र खीमपाळ उत्पन्न हुआ। इसने खैरावाद नगर बसाया। इसके वशज खैरू दा कहलाये।
पाठान्तर-प्रजवार, अजयवार
कमळपुर । *कपलिया।

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