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मुहता नैणसीरी ख्यात
[ ७१ ईये भांत वात करता वीच पाबूजी माया फेरी सु पैलै पार जाय ऊभा ।' ताहरां चादै फेर परचो पायो। ताहरा चादैनू कह्यो-'चांदा । साढियारो वरग घेरो।' तद थोरियां जायनै वरग सर्व घेरियो । रबारी ढीलन बांध लियो। औ साढिया लेने पाबूजी पास आया। ताहरां ढील रबारीनू पाबूजी छोडनै बांडै ऊंठ चाढनै कही-'रे ! तू दोदरै वाहर घात ।' कहे, सांढियारा टोळा लियां जावै छै।' जे घेर सगै तो वेगो पावै ।' _____ ताहरां रबारी जाय पुकारियो, कही-'मेहरबान सलामत ! साढियांरा वरग सर्व हकाळिया, वाहर करो। ताहरां दोदै कही-'अरे | भांग खाधी छै नही ?' असो आज कुण छै जो दोदै सूमरैरी सांढां लियै ? 10 ताहरां रबारी कही-'राज ! राठोड़े साढियां लीवी छै नै कह्यो छै-आय सके तो वेगो आया ।11 इतरो सुणत समां12 दोदो सूमरो साथ भेळो करनै चढियो । अर पाबूजी तो सांढियान दाकळी13 सु पाणी माहैसू तिरने 4 पैलै पार हुई नै आपरो15 साथ पार करने चलाया आघा।
वांसैसू दोदो वाहर चढियो', सु मिरजै खांनरै गांम आयनै मिरजैनू कह्यो जु-'राठोड़ा सांढिया लीवी, तू पण वाहर आव ।' मिरजो दोदैरो चाकर हुतो18, सु मिरजो पण चढ दोदैरै सांमल हुवो। ताहरा मिरजै कही जु-'पाघा मती जावो। सांढियां पाबू राठोड़
I इस प्रकार बातें करनेके बीचहीमें पावूजीने ऐसी माया फिराई सो उस पार जाकर खडे हो गये। 2 तब चादेने फिर पाबूजीके चमत्कारका परिचय प्राप्त किया। 3 तव थोरियोने जाकर साढनियोका सव वर्ग घेर लिया। 4 और रबारी ढीलको बाँध दिया। 5 तब ढील रवारीको पावूजीने छोड दिया और उसे एक बाडे (पूछ-कटा) कट पर चढा कर कहा कि तू दोदेको वाहर करने की सूचना दे दे। 6 कहना कि साढनियोके वर्गको लिये जा रहे हैं। 7 जो घेर कर ले जा सके तो जल्दी आ जाये ।'8 साढनियोके सभी वर्ग हाक करके लिये जा रहे है, पीछा करो। 9 अरे कही भाग तो नही खाई है ? 10 ऐसा आज कौन है जो दोदे समरेकी साढनियोको ले जाये? II यदि आ सके तो जल्दी पाना। 12 सुनते ही। 13 तेजीसे हाक दी। 14 तैर करके। 15 अपना। 16 दूर। 17 पीछेसे दोदाने पीछा कया। 18 था।