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मुंहता नेणसीरी ख्यात
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उठै हीज वाग खांच ऊभी रह्यो । ताहरां वीरमदेजी कह्यो - 'इसडो छै सु उठे ऊभैतू हीज मारूं, पण परहो जा।" ताहरां पंचायण पाछी हीज वाग फेरी ।
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ताहरां कूपजी कह्यो - 'राज ! वीरमदे यु सहज सौं नही मरे । पछै वीरमदे आपरा' घायल उपाड़ने' अजमेर आयो । आा' फोज पण नागोर आई । वीरमदेनू घणी अळही पडी । साथ सोह' कांम आयो ।
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ताहरां रायसलरो रावनू घणो अत भौ, सदा धमक राखै " 1 को'' कहै रायसल कांम आयो, को कहै काम नही आयो । ताहरां मूळ प्रोहितनू मेलियो । आयो, वीरमदेनू मिळियो | कहण लागो - 'बळो, आ धरती ज, थांहीनू ज्यांन आयो । 14 रायसल मराडियो । ताहरां कह्यो - 'ऊभा रहिज्यो । 26 जु, रायसल रे तो आछा सा लोह छै, इसड़ो तो लोह को न छै भारी । 17 अर रायसलनू कहाड़ियो - "थे तकियो देनै बैसज्यो ।" मूळो थां कनै मूकां छा । 20 ताहरां प्रोहित मूळानू कह्यो - 'रायसल कनै थेई पधारो ।" ताहरां रायसल कछो पलाण मडायने, आप हथियार बाधनं असवार हुय घोडो नखाड़तो-नखाड़तो ईयां कनै आयो । " ताहरा मै चढने राव मालदे कनै आया | आयनै कह्यो - 'जी, रायसल तो घोडो नखाडतो फिरै छै ।'
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3 तव
I - तब पचायरण वही अपने घोडेकी बाग खीच कर खडा रहा । 2 लगता तो ऐसा है कि वहाँ खडेको ही खत्म कर दू, परन्तु आँखो के सामनेसे दूर चला जा | पचायणने बाग मोड दी । 4 वीरमदे इस प्रकार सहजमे मरने वाला नही है । S अपने । 6 उठा कर । 7 यह । 8 दुसह । 9 सब | 10 रायसलका रावको अत्यन्त भय । II सदा धाक जमाये रखता है । 12 कोई । 13 भेजा । 14 जलो, यह धरती ही तुम्हें वला वन करके श्राई है । IS रायसलको मरवाया । 16 ठहर जायो । 17 रायसलके साधारणसे घाव है, ऐसे घाव कोई बहुत भारी तो नही हैं । 18 कहलवाया । 19 बैठ जाना | 20 मूलाको तुम्हारे पास भेज रहे है । 21 रायसलके पाम तुम ही चले जाओ । 22 तव रायसल कच्छी घोडेके ऊपर जीन कसवा कर स्वयं हथियार वाध करके और घोडे पर सवार हो करके उसे कुदाना- कुदाता इनके पास जाया ।