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मुंहता नैणसीरी ख्यात दियो छ । म्है अठै सै दोडां छां। मांहरै वैर छै । आप मोटा सिरदार छो। आप टाळो करीजसी ।'
तितरै सीहैरा गुढा डोडियाळन जावै छै, सीधळावटी छाडी छ। तितरैमे च्यार रजपूत बोड़ा सीहैरा चाकर, तिके रीसांणा छ, तियां सीहो मनावण आयो छै । सीहो आय उतरियो छै। रजपूत
आयनै मिळिया । कहियो-'जो, भगत करा, उतरो।" ताहरां सीहै रजपूतांन कहियो-'अठै मांडण नैडो छ। हालो, आपां जाय साथ भेळा हुवां ।" ताहरां रजपूत बोलिया-'सीहाजी ! तोनू चांदनू कुण गोदमे राखै ?10 ताहरा सीहोजी उतरिया । भगतरी तयारी करण लागा रजपूत । ताहरा एक बाकरानू गयो, एक गोहूं, चावळ, घीनू दोडियो । कहियो-'सीहाजी ! पाप म्हारै डेरै पधारो, अर म्हे भगत कियां विना क्युं कर मेल्हां 14 ताहरां उवां15 राजपूतांरी मा साकरन16 गाडै चढी हुती, सो देखै तो बरछियारी झळोमळ हुय रही छै ।” ___अठै माडण टळतो हो, अर बांभणांरा गाडा वेहता हुता,18 तेथ जायनै पूछियो'-'मै गजनीखांनका चाकर हूँ। सीहा सीधळ कहां है सो मुझको बतलायो ?' ताहरा बाभण बोलिया-'पो म्हारो धणी वड़ हेठे बैठो छै, सीहमाल झळहळाट करै ।2° त्यु मांडण घोडो फेरण लागो । त्यु सूरजरी किरणसौ बरछी भळहळी ।। ____ तुमारी ललाट पर दहीका तिलक किया है (हमारे यहाँ व्याहे हो)। 2 यहाँ हमारी शत्रुता है, इसलिये हम यहाँ लूटमार कर रहे हैं। 3 श्राप उसे टाल देंगे (उस ओर ध्यान नही दें)। 4 इधर सीहेके गुढेके लोगोने सीघलावाटी छोड दी है और डोडियालको जा रहे है। 5-6 और इधर सीहेके चार वोडा राजपूत चाकर रिसा गये थे, जिन्हे सीहा मनानेको आया है। 7 यहाँ ठहरें, हम आपके लिये भोजनकी तैयारी करें। 8 निकट । 9 चले, अपन जाकर अपने लोगोके सामिल हो जायें। 10 तुझ चाँदको कौन गोदमे रख सकता है (तुझको कौन शरण दे) ? II ठहरे। 12 भोजनकी। 13 तव एक आदमी बकरे लेने गया और एक दूसरा आदमी गेहू, चावल और घी लेनेको भागा। 14 आप हमारे डेरे पधारे और हम आपकी महमानी किये बिना आपको कैसे जाने दें? 15 उन। 16 शक्करके लिये (?) 17 बछियें चमक रही है। 18 यहाँ मांडण जिस मार्ग पर टल रहा था वहाँ ब्राह्मणोके गाडे चल रहे थे। 19 वहाँ जा करके पूछा । 20 तव ब्राह्मण वोले-यह प्रकाशमान हमारा स्वामी सीहमाल बड वृक्षके नीचे बैठा हुआ है। 21 मांडण अपना घोडा वापिस लौटाने लगा। 22 त्योही सूरजकी किरणसे वर्थी चमकी।