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मुहता नेणसीरी ख्यात
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ताहरा ईयै राजा साथ भेळो कियो र भाईनू कहायो - 'जु भाभोजी ! एक हजार असवार म्हांरी मदत मेलज्यो । कुवर रै वैरनूं चढां छां ।" ताहरां ईयै राजा कहाई - 'जु भावै हजार ग्रसवार लियो अर भावै एकलो सेतरांम ल्यो ।" तद आदमियां जाय कहियो - 'जु महाराज ! भावै हजार सवार ल्यो, भावै एक सेतरांम ल्यो ।' ताहरां राजा कहियो - 'सेतरांमनू ले आवो ।' ताहरा आदमी लेअर सेतरांमनू राजारी हजूर आया । ताहरा राजा ठेसू चढियो सु ईयै राजारै सह आयो । ताहरा ईयै राजा सहर तो उजड कियो ग्रर कोट सझियो ।' ताहरा ओ राजा अठै लड़ियो सु वरस २ अथवा ३ लड़ियो पण कोट भिळे नही ।" ताहरा राजा सेतरांमजोनू कही'कोट तो भिळे नही अर सांम्हो लोकरी ज्यांन है छै ।" ताहरा सेतरामजी कही - 'जु जो म्हारी पूठ राखो तो दरवाजैरा किवाड छे सुहू तोडू । र पछै भीतर थे वड़ज्यो ।" ताहरा राजा कही - 'बहोत भलां ।' ताहरां औ चढ हल्लो कर, अर दरवाजे प्राय लागा ।2° ताहरां सेतरामजी घोड़े उतर पर किवाडांनू टिल्लो दियो । 2 ताहरां किवाड़ हुता सु तूट गया और अठै राजा भीतर . वडियो । 12 अर सेतरांमजीरं पण घाव लागा | आगलै राजारो लोक सरब मार लियो । गढ लियो ।
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1 तब इस राजाने साथ जोडा और ग्रपने भाईको कहलवाया कि भाभाजी | एक हजार सवार हमारी मदद के लिए भेजिये । 2 कुवरको मार देनेके वैरका बदला लेने के लिए चढाई कर रहे हैं । 3 चाहे तो एक हजार सवार लेश्रो चाहे अकेले सेतरामको लो | 4 तब राजा यहाँसे चढा सो इस राजाके शहरको प्राया । 5 तत्र इस राजाने शहर दो खाली कर दिया और कोटमे युद्धकी तैयारी की ( कोटको युद्ध सामग्री से सज्जित किया ) | 6 यह राजा २ या ३ साल तक लडा परन्तु गढ कब्जे नही होता । 7 श्रौर उलटी लोगोकी वरवादी हो रही है । 8-9 जो मेरी मदद करो तो दरवाजेके किवाड तो मै तोड दू । और वादमे भीतर तुम लोग घुस जाना । 10 तब ये लोग एक साथ हल्ला करके दरवाजे तक ग्रा लगे । II तब उस समय सेतरामजीने घोडसे उतर कर किंवाडोको धक्का मारा । I 2 तब किंवाड थे सो टूट गये और राजा अदर घुस गया । 13 प्रगले राजा के सभी मनुष्योको मार दिया और गढ़ पर अधिकार कर लिया ।