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॥ श्री रामजी ।।
वीकानेर री हकीकत
रावजी श्री वीकैजोरै कंवरां रा नाम१. रावजी श्री लूणकरणजी। ५. मेघवीसो। २. नरोजी।
६. राजो। ३. घड़सीजी।
७. देवराज । ४. केल्हणजी। __रावजी श्री लूणकरणजीरे कंवरां रा नाम१. रावजी श्री जैतसीहजी ६. करमसी। २. परतापसी (परतापसिंघ) ७. रूपसी। ३. रतनसी।
८. रांम (रांमसी, रामसिघ) ४. वैरसी (वैरीसिंघ) ___६. सूरजमल । ५. तेजसी
१०. किसनसिघ । __रावजी श्री जैसिंघजीरै कंवरांरा नाम१. रावजी श्री कल्याणमलजी ८. सिरंगजी (श्रीरंगजी, २. भीमरावजी (भीमराजजी, सिरंगसीजी) भीवराजजी)
६ सुरजनजी। ३. मालदेजी (मालदेवजी) १०, कांन्ह । . ४. ठाकुरसी।
११. भोजराज । ५. मानसिंघ।
१२. करमचंद । ६. अचळदास ।
१३. तिलोकसी। ७. पूरणमल ।
____I कई प्रतियोमे मेघवीसो और मेघसी नाम लिख करके वीकाजीके कुंवरोकी संख्या ७ वताई है. परन्तु कई प्रतियोमे मेघो और वीसो अलग अलग लिखे है इस प्रकार उनके कुवरोकी सख्या उनमें आठ बताई गई हैं। मेघो और वीसो अलग-अलग दो नाम होना ही ठीक प्रतीत होता है।