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मुहता नैणसीरी ख्यात
। १४५ तद छोकरी हुती सु जाय सांखलीरी सासूनू कह्यो-'जु सांखली माहै इसी अवट हुई । ताहरां सासू तुरत आई। नरसिघ परहो हुवौ। सुपियारदेनू छोड़ाय लीयाई । हमै सुपियारदे गहणा उतार अबोलणे हुई थकी आपरै घरै रहै । ___ताहरां कागद १ लिखियो नरबदजी साम्हां-'जु थारी आरती रो फळ मोनू ओ मिळियो छ ।' ताहरां कागद नरबदजी पासै गयो। नरबदजी कागद वांचने कहयो-'हूं पाहीज चाहतो हुतो। हमै हू तयार छू।"
ताहरा नरबदजी वैहलिया २ मोल लिया । सो वैहल जोडन' नित फेरै, भूय चाढे 110 रातिब दै। यू करतां तीस कोस जाय अर पाछा
आवै, इसी भूय चाढिया। ताहरां जांणियो-'हमै पक्का हुवा ।13 ___ताहरां नरबदजी चालिया। अर जैतारणरी वाड़ीरो ठीक कियो हुतो14 सो दिन बीसमे तो जैतारणरै गोरमैं वाडो छै जेथ' आया। ताहरां जिको सुपियारदे रो कागळ ल्यायो हुतो, तै साथै मरदांनी पोसाख मेल्ही सुपियारदेनूं । ताहरां सुपियारदे वागो पैहर, पाघ बांध, हथियार बांध पर नीसरी ।।1 अर गांव माहै रावळिया रामत रमता हुता। सीधळांरो साथ रमत देखणनू गयो हुतो।23 पर तै वेळा सुपियारदे नीसरी। जाहरां सुसरो बैठो हु तो, सु आखियां अांधो हुतो, तैरै आगाकर नीसरी । ताहरा खीदै कह्यो
I दासी। 2 साखलीकी ऐसी बुरी दशा हुई है। 3 नरसिंह दूर हो गया। 4 अब सुपियारदे सभी गहने उतार और अबोलना होकर अपने घरमे ही रहती है। 5 तुमारी । 6 यही। 7 अब मै तैयार हू। 8 बैल, नाटे कदके बैल । 9 बहलीमे जोडकर । 10 अधिक दूर जानेका अभ्यास कराते हैं। II रातब खिलाते हैं। 12 इतनी दूरी पर जाकर वापिस पाजानेके अभ्यस्त कर दिये। 13 तब जाना कि अब पूरे तैयार हो गये। 14 जैतारनकी वाडीमे ठहरनेका तय किया था। 15 बीसवें दिन। 16 गावके वाहरका वह मैदान जहा गावका गो-समूह जगलमे चरने जानेको इकट्ठा होता है। 17 जहा। 18 जो। 19 पत्र लाया था। 20 उसके साथमे सुपियारदेको मर्दानी पोशाक भेजी। 21 तव सुपियारदे बागा पहिन और पगडी और हथियार वाघ कर निकल गई। 22 गावमे रावल लोग तमाशा (खेल) कर रहे थे। 23 सभी सींघल खेल देखनेको गये हए थे । 24 प्राखोसे अघा उसका ससुर बैठा हुआ था, उसके आगे होकर निकली।