________________
१५२ ]
मुहता नैणसीरी ख्यात नाखिया। कल्याणमल टळ गयो, लडाई हुई। राव लूणकर्णजी काम आया। कुंवर प्रतापसिंघजी काम आया। __पछै राव जैतसिंघजी टीक बैठा, कछवाहा पवाडो गमायो।' ताहरां जैतसिंघजी फोजां कीवी। रायमल कछवाहै ऊपर गया । कछवाहा तो आगासू लड़ाई कर सगै नही । पछै कछवाहा राव जैतसिंघजोन वीमाह' ५ (पांच) दिया। राजा प्रथीराजरी बेटी कुवर ठाकुरसीनू दीनी । रायमलजी कछवाहै री वेटी रायमल मालदेवोतनू परणाई । वीमाह एक वैरसी लूणकरणोतनू दियो । वीमाह एक महेस प्रतापसिंघोतन दियो ।
। इति रावजी लूणकर्णजीरी वात सपूर्ण ॥
O
। नयाने पोटे गाट दिये (घोडे भोक दिये) 2 लढाई हुई तब कत्यारणमल (ग) गया। पीने पर राव जैतसिंह टीके बैठा, तव कछवाहोने प्रवाडा नादिका सदरमर पनी मोत्ति सो दी)। 4 रायमन कछवाह पर चढ़ करके गये माजमितिम सात दिगति, वह फिर प्रागे नवाई कर ही नहीं सके। (करवाहे गिन 2 ने 15 विवाह । ८ व्याही ।