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मुहता नैणसीरी ख्यात साथ भेळो कियो। रिणमलजीसू चूक तेवड़ायो।' तद चूक रिणमलजोरै ड्रम लाधो।'
तद डू म रावजीनू कह्यो-'जु राणैजीरै थांसू चूक छ । ताहरां रावजी मांनी नही । पण रावजी कुवर तो सारा ही गढरी तळहटी राखिया।
यू करतां हेक दिन रावजीसू चूक कियो। पचीस गज पछेवड़ी रिणमलजीरै ढोलिये दोळी पळेटी। आप पोढिया हुंता ।' १७ जणा ऊपर घावडिया आया । सोळे जणा तो माचैरी फेटसू मुवा ।' अर महिपो भागो । रिणमलजी काम आया । रिणधीर चूडावत काम आयो, रांणजीरा मोहल जाय पडियो । सतो भाटी लूणकरणोत कांम आयो । रिणधीर सूरावत काम प्रायो। बीजो ही घणो साथ कांम आयो ।1 अर जोधाजी भायां समेत तळहटी हता, सु नीसरिया ।
वांसंसू फोजां वाहर चढी सो पाडेवळे जाती पुहती।13 त?14 चरडो, चांदराव अरड़कमलोत, प्रथीराज, तेजसीह बीजो ही घणो साथ काम प्रायो। रिणमलजीरा कुवर चोबीसै कुसळे मडोहर पुहता।
॥ इति राव रिणमलजीरी वात सम्पूर्ण ।।
। तब राणाजीने अपने माथ वालोको इकट्ठा किया। 2 रिणमलजीसे चूक करनेकी तैयारी की। 3 नव धोखेके इस भेदका पतो रिणमलजीके एक डूमको लग गया। 4 राणाजीका अापके ऊपर चूक है। 5 रावजीने इस बात पर विश्वास नहीं किया, परंतु अपने सभी कुवरोको गढकी तलहटी ही मे रखा । 6-7 जिस पलग पर रिणमलजी सोये हुये थे उस पर पच्चीस गज लवी पछेवडी (वस्त्र) लपेट दी। 8 १७ घातक ऊपर पाये। 0 १६ जने तो पलगकी फेटमे मर गये । 10 रिणवीर चूडावत काम आया पर स्वास निकल जानेके पहले राणाजीके महलो तक जाकर गिर पड़ा। I दूसरा भी साथ बहुत काम आया । 12 और जोघाजी अपने भाईयोंके साथ तलहटीमे थे सो निकल भागे। 13 पीछेमे फौज वाहर चढी मो नाडाबला (अरावली) जाकर उन्हें पहुंची। 14 वहा । 15 रिगामलजीके चौबीसो ही कुवर सकुशल मडोर जा पहुचे ।