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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ ६३ हाथो हुता सु सखरा-सखरा तो कुवर मालदे लिया । अर वडो हाथी खांनरी असवारीरो नाठो सो मेड़तै गयो।' ताहरां मेड़तियां लियो । तियै हाथी वेई मेड़तियांसू राव मालदे विरुद्ध हुवो।
अथ घूमर बीबी पूछ रे दोलतिया !, तें हाथी केथा किया। रूड़ा रूड़ा रावै लिया, पाडा पाछा दिया ।। १ बीबी पूछ रै दोलतिया !, ते मीया केथा किया ।
ऊचै मगरै घोर खणाई, बाथै बाथै दिया ॥*२ हिवै हाथी मेडतियारै गयो। ताहरा मेड़तियां हाथीरा घाव बाधा।'
हाथीन माहै आंणे सु प्रोळमें हाथो मावै नही ।' ताहरां प्रोळ खणायने हाथी मांहै लियो। ताहरां सवणियां' कह्यो-'जु, थां आ बुरी कीधी', प्रोळ खणी।11 कहियो-'सु तो हुई । हमै कासू ?'12
करतां राव गांगोजी नै मालदे सुणियो-'जु हाथी मेड़ते वीरमदेरै गयो।' ताहरां हाथी मालदेजी मगायो । कह्यो-'जी, हाथी मांहरो छै3, म्हां लड़नै लियो छै ।14 ताहरां मेडतिया हाथी न दै । ताहरां वीरमदेजी कह्यो-'राव गांगनू हाथी परहो द्यौ। ताहरां मेडतिया कह्यो-'म्हे तो हाथी न देवां ।16 जे म्हारै प्राहुणौ हुवै तो जीमायनै हाथी देवां।" ताहरां मालदे चढिनै आयो । ईयार भगत हुई मालदे । I अच्छे-अच्छे हाथी जो लडाईमे हाथ पाए थे सो उन्हे कुवर मालदेवने ले लिये। 2 और जो खानकी सवारीका बडा हाथी था जो भाग कर मेडते चला गया। 3 उस। 4 के लिये। 5 अव। 6 तव मेडतियोने हाथीकी मरहम पट्टी की। 7 हाथीको अदर ले जाना परतु पौलिमे हाथी समाता नही। 8 तव पौलिको तुडवा कर हाथीको अदर लिया। 9 शकुनियोने। 10 तुमने यह बुरा काम किया। II पौलिको तुडवा दी। 12 जो होनी थी सो तो हो गई, अब क्या हो? 13 हाथी हमारा है। 14 हमने लड़ करके लिया है। 15 राव गागाको हाथी दे दो। 16 हम तो हाथी नही दें। 17 जो हमारे यहाँ महमान हो जाये तो उन्हे भोजन करवा कर हाथी दें। *घूमर का भावार्थ- 'दोलतखान जब भाग कर घर गया तो उसकी बीवी पूछती है कि अरे दौलतिया ! तूने लड़ाईमे कितने हाथियोको जीत कर इकट्ठा किया है ? तो उत्तर देता है कि अच्छे-अच्छे हाथियोको तो रावने ले लिया है और पाडेके समान वापिस किए है। फिर बीबी दौलतियासे पूछती है कि तूने कितने मुसलमान वनाये है ? तो कहता है कि जो मेरे साथ थे उन्हें वाथें भर-भर कर रावको लडाईमें भेंट कर पाया हू और उनके लिये ऊचे मगरे पर कबरें खुदवा दी हैं।