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मुहता नैणसीरी ख्यात
[ ७५ पाबूजी अर हरियो थोरी असवार हुयनै सांढियां देनै कोळ आया । ताहरां वसेक हुवो।'
ताहरां पाबूजो वरस १२रा हुवा। ताहरां सोढा साहो लिख मेलियो । कह्यो-'जांन कर वेगा अावज्यो। ताहरा पाबूजी जांनरी तैयारी कीवी । जीदराव खीची बोलायो। गोगजीनू बोलाया। बड़ेजी बोलाया । जानरी तैयारी कीवी । अर सीरोही रै रावनू पण बोलायो, सो आयो नही । ताहरां जान चढी ।।
ताहरां चांदेरी बेटीरो पण दीमाह हुतो। चादो विखैमें नीसरियो तद सात गांव बेटी दीवी हती। तैरी सातेई जाना आई। ताहरा चांदैनू पाबूजी कही-'चादा ! थारे पण वीमाह छै; तू अठं रहि ।' ताहरा चांदो तो अठै रह्यो । अर डांवो साथै गयो।
ताहरां जाननू मारगमे जावतां वडाकारो सवण हुवौ। ताहरा सवणियां कही-'राज ! सवण भला न हुवा छ, पाछा फिरो।10 बीजै साहै परणीजस्यां ।'11 ताहरा कहीं-'थे पाछी फिरो। ह तो कोई फिरूं नही । लोक कहै जु पाबूजीरी तेल चढी रही। ताहरा पाबूजी तो आघा चढिया अर साथै एक डांबियो हुवो।13 अर बीजो14 साथ सर्व पाछो फिरियो।
ताहरा पाबूजी घडी २ रात गयां धाट जाय पुहता ।15 उठे सोढा भली भातसू वीमाह कियो । ताहरां पाबूजी फेरा लेने हालण लागा। ताहरां सोढां कही-'राज ! म्हांमें चूक किसी, सु न जीमो, न कोई भगत लिवो, सु किसै वासतै ?17 दिन दोय चार रहो, ज्या ____ I तव वडी विशेप वात मानी गई (होत्सव हुआ) 2 सोढोने तव विवाहका लग्न लिख कर भेज दिया। 3 वारात बना कर जल्दी आना। 4 पावूजीने बारातकी तैयारी की। 5 गदेकी लडकीका भी विवाह था। 6 चादा सकटमे था तब उसने अपनी बेटीका सवध सात गावोंमे कर दिया था। 7 यहा। 8 मार्गमे जाते हुए बरातको अपशकुन हुआ। 9 शकुनियोने। 10 पीछे लौट जानो। II दूसरे साहे पर व्याह करना। 12 लोग कहेगे कि पावूजीकी तेल चढी हुई ही रह गई। 13 और साथमे केवल एक डाविया थोरी चला। 14 दूसरा। 15 पावूजी दो घड़ी रात गये धाट देश (उमरकोट) मे जा पहुचे। 16 पावूजी भाँवर लेनेके वाद चलने लगे। 17 हमारेमे कौनसी भूल जिससे न तो आप भोजन करो और न आप भात (वडा भोज) लेयो, सो किस कारण से ?