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मुहता नैणसीरी ख्यात सुरताण कुतबदीनन पाट सुरताण महमंद वैठो। महमंद वारै लोकांनै १८ कर लागा। ते कही
१ (प्रथम) दांण । १० बळ । २ (वीजौ) पूछी। ११ लांचो। ३ हळगत।
१२ घोडा-चारण । ४ मोभ ।
१३ कवारनी सूखडी। ५ भेट ।
१४ पाघड़ी - वरोड़। ६ तलार।
१५ ढोरनी चराई। ७ सूखडी।
१६ वाडीनी लाग। ८ वर्धामणो लाग। १७ काटी वाळी लाग। ६ मळवो लाग। १८ काजीनी लाग ।
समत १५१६ कर इतरी रकम अधिकी व्है छै । वर्ष ५२ महमंद राज कियो।
(1) दारण-उपार्जित धन पर लिया जाने वाला राज्य-भाग। (2) पूछी= चौपायो पर लिया जाने वाला कर। (3) हळगत खेत को जोतने पर हलोके हिसावसे लिया जाने वाला कर। (4) मोभ= मकान बनाने पर लिया जाने वाला कर । (प्रथम पुत्रसे भी तात्पर्य हो सकता है ।) एक प्रतिमे इसके स्थान पर भोम लिखा है । (5) भेट= उत्सव आदि अवसरो पर अनिवार्य रूपसे लिया जाने वाला कर। (6) तलार नगर रक्षक (कोटवाल) के खर्चेके रूपमे लिया जाने वाला कर। (7) सूखडी-अतिरिक्त कर (सर चार्ज), दस्तूरी। (8) वधामणो लाग-पुत्र जन्म और विवाहादि पर वधाईके रूपमे लिया जाने वाला कर। (9) मळवो लाग=गावकी सफाईके लिये लिया जाने वाला कर। (10) वळ = बलि या भोज पर लिया जाने वाला कर। (11) लाचो खर्चमे कमीकी पत्तिके लिये लिया जाने वाला कर। (12) घोडा-चारण घोडेकी चराईका कर। (13) कवारनी सूखडी-राजाके पाटवी पुत्रको दिया जाने वाला नजराना । इसके कुवर सूखडी, कुवर नजराणो, कुंवर पठेवडो, पुवर पामरी, कुवर मागो ग्रादि कई भेद होते थे। (14) पाघडी-वरोड-व्यक्ति कर । इसको मूडका-वेरो भी कहते है। (15) ढोरनी चराई=पगुयोकी चराई का कर । (16) बाडीनी लाग=साग सब्जी ग्रादिका कर। (17) काटी वाळी लागतोलनेकी छोटी काटी पर लिया जाने वाला कर (?) (18) काजीनी लाग= काजीके नाम पर लिया जाने वाला कर । ]
__1 कुतबुट्टीनके । 2 मुहम्मदने १२ (कृपक) जातियो पर १८ कर लगाये। कोनसे ?। सम्बत् १५१६से इन करो में इतनी अधिक रकम प्राप्त होती है।
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