________________
६८ ] ___ मुहता नैणसीरी ख्यात रावण वाजै छै । ग्रांपा उठे पोहच सगां नही 12 इतरी हरिय आयनै कही। ताहरा पाबूजी कह्यो-'तो भला ! फिरता समझ लेस्या । हमार तो देवडा ऊपर हालो । ताहरा अ पाठ असवार, नवमौ हरियो प्यादो, अ सारा सीरोही ऊपर चढिया ।'
तठे वीच प्रांनो वाघेलो रहतो । अनैिरी वडी साहबी हुती । पण अ सारा ही करामातीक ।' ताहरां चांदै कही-'राज ! अांनी अठ रहै छै । अर मांहरौ वैर छै । ताहरां ग्रे चलायन यांनैरै गाव अानेरै वागमे आय उतरिया। ताहरां प्रांनैनूं माळी जाय पुकारियो जु-'राज ! केई असवार आय उतरिया छै, सु वाग सर्व खोसी खाधौ। ताहरां आने इतरी11 सुणनै असवारी कर चढियो। वाहरा पाबूजी नै पाने वाघेलै आपसमे लडाई हुई । ताहरा अानैरो सर्व साथ माराणो । अानो पण काम प्रायो। तद पावूजी आनैनू मारनै आनैरै कुवरनू कही-'तने पण मारीस ।13 ताहरा आनरै वेटै प्रापरी मारो गहणौ पाबूजीरी नजर कियौ । ताहरा पाबूजी अानैरै बेटैनू टीकै सांणियो ।
अानैर बेटैनू टीकै सांणनै आप सीरोहीनू चढिया, सु रातोरात सीरोही गया। रावनू कह्यो जु-'थे जाणसो पाबूजी म्हैसू मिलणनै अाया छै सो मिलणनू हू नही आयो छू।" ते बाईनू चाबखा वाया तिकै कारण प्रायो छू ।18 ताहरा राव पण आपरो साथ एकठो करनै चढियो। ताहरां लडाई हुई । ताहरां पाबूजी चांदैनूं कही'चादा | रावनू पापां मारो मती, नै पापड लिया 12 ताहरां लडाई
_I यह ग्रोढा-रावण कहलाता है। 2 अपन उघर पहुँच सकते नही। 3 इतनी बात हरियेने श्रापर कही। 4 अच्छा, लौटते हुए समझ लेंगे। 5 अभी तो देवडोके पर चलो। 6 ये सभी सिरोही ऊपर चढे । 7 करामाती। 8 आना यहाँ रहता है। 9 और मेरा वर उससे लेना है। 10 और सारा वाग तोड करके खा गये है। (उजाड दिया है) I इतनी। 12 मारा गया। 13 तेरेको भी मारू गा। 14 तब अानेके बेटेने अपनी माँका गहना लाकर पाबूजीकी नजर किया। IS तव पावूजीने प्रानके वेटेको टीका करके गद्दी पर विठाया। 16 विठा कर। 17 तुम जानोगे कि पाबूजी मेरेसे मिलने के लिए लाये है, परन्तु मैं मिलनेको नही पाया हूँ। 18 तुमने मेरी बाई चादुक मारे इसलिये आया हूँ। 19 अपना। 20 चादा ] रावको अपन मारे नहीं परन्तु पकट लेना।