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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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संमत १५६७ सुरतांण मुदाफर टीकै वैठौ । वडो पातस्याह हुवौ ।
बेटा तीन हुवा -
१ सिकंदर । २ महमंद | ३ बहादुर ।
समत १५८१ सिकदरस्याह पाट बैठो । मास २ दिन १७ राज
कियो ।
पछे भाई महमद टीकै बैठो। मास ३ दिन ५ राज कियो ।
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समत १५८२ सुरतांण बहादुर पाट बैठो । बहादुर वडो पातस्याह हुवौ । खुरसाण लगै धाक हुई । पछे बहादुर पातस्याह चीत्रोड़ ऊपर कटक कियो । 2 समत १५८६ फागण सुदे १ चीत्रोडगढ गळी । लाखूटानी पोळ घोडा १८०००० अनै हाथी १४००० एतलो दळ लाखोटानी पोळे थौ । ' चीत्रोड़ भंग हुवौ । तठे रांण राणी करमेतीनू " जुहर किया ।" आदमी हजार ४००० जुहर हुवौ । " सरोवर, कुवा, वाव, एतलां मांहैसू बाळक ३००० जाळ नखावै काढिया ।' अस्त्री ७००० पोताना लघु तीत साथै अफीम घोळ पीधौ । अवर लोकाने बांद पड़ीनी संख्या नी । इसौ उपद्रव रोमीखांन करायो । पछे बाहदरसाह गुजरात गयौ ।
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पछे चीत्रौड मांहै तुरक हुता सु सीसोदियां कूट काढिया | 2 पछै मुगल आया । मुगले दिली लीधी । "
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पछै समत १५९२ श्रावण सुदे ११ चापानेर मुगल आया, पर्छ चांपानेर पालटियौ । 23
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I खुरासान (फारस ) तक धाक जमाई । 2 पीछे वादशाह वहादुरने चित्तौड़ पर श्रामरण किया । 3 सम्वत् १५८६ फागुन सुदी १को चित्तोडगढका पतन हुआ । 4 घोडे १८०००० और हाथी १४००० - इतना दल लाखोटाकी पोलमे जमा था । 5 वहां राणाने राणी करमेतीको जोहर करवाया । 6 ४००० ग्रादमी जौहर कर जल मरे । 7 सरोवर, कुएँ श्रीर बावडिये इनमेसे ३००० बालकोको जाल डाल कर निकलवाया गया । 8 मात हजार स्त्रियोने अपने छोटे बच्चोके साथ ग्रफीम घोल कर पी लिया । 9 और वदी कितने लोग बनाये गये इसकी कोई सख्या ही नही । 10 यह इस प्रकारका उपद्रव रोमीसानने करवाया । II बादमे चित्तौडमे जो तुर्क थे उन्हें शिशोदियो मार कर भगा दिया । 12, मुगलोंने दिल्ली पर अधिकार किया । 13 फिर सम्वत् १५६२ की सावन सुदी ११ को मुगल चापानेर (गुजरात) पर चढ कर प्राये, चापानेरका राज्य पलटा ।