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मुहता नैणसीरी ख्यात
[ ६३ सासरिया हससी; कहसी-काको साढियां कद प्राण देसी ?1 ताहरां हरियो तो साढ़ियारै हेरै गयो ।
अर अठे चादियो नित पाबूजीनू कहै-'पाने वाघेलै माथै म्हारो वैर छै, सु राज म्हारो वैर घेरावौ । ताहरा कह्यो-'रे घेरावस्या । ____ यु करता पाबूजीरी बहन सोनाबाई अर* सोनाबाईरै एक सोक' वाघेली तिके चोपड़ रमती ही, सु वाघेलीरै बाप गहणो घणो दियो हुँतो,' सु वाघेली आपरै गैहणैरो वडाई करै, गहणरो वखाण घणो करै। ताहरा झै आपसमें बोल उठी। ताहरां वाघेली सोनांनू मेहणो दियो । कह्यो-'थारो भाई थोरियासू भेळो जीमै ।11 ताहरा सोनां रीस कीवी। ताहरा राव कही जु-‘राठोड़ ! रीस क्यु करो, साच कहै छ, जु पाबू थोरियांरै भेळो तो बसै छ । ताहरा सोना कही'थे कहो सो खरी, पण जिसा म्हारै भाईरै थोरी छै जिसा थाहरै उमराव कोयनी।' इतरो कह्यो सोना, तैसू राव पण रीस कर ऊठियो। ताहरा ताजणो रावरै हाथ हुतो, सु राव तीन ताजणा वाह्या ।। _____ ताहरां सोनांबाई कागद लिखनै पाबूजीन मेलियो। ईयै भांत लिखियो-'वाघेलीरै कहै रावजी म्हारै चोट वाही ।'1सु ऊ कागद ले जायनै आदमो पाबूजीर हाथ दियो ।' पाबूजो कागद वाचनै चादैनूं ___बाईकी ससुराल वाले हँसेंगे और कहेगे कि इसका काका साढनिया कब लाकर देगा ? 2 आना वाघेलाके सिर मेरे वापको मारने का वैर चढा हुआ है सो आप उस वैरका वदला लिवावे । 3 अरे । घेर लेगे। 4 और। 5 सौत। 6 खेलती थी। 7 सो वाघेलीके बापने दहेजमे गहने बहुत दिये थे। 8 गहनेकी प्रशसा बहुत करे। 9 तब अापसमे बोला-चाली (विवाद) हो गई। 10 तव वाघेलीने सोनाको ताना मारा। II तेरा भाई थोरियोंके सामिल खाना खाता है। 12 राठोड | रीस क्यो कर रही हो, यह सच कह रही है, पाबू थोरियोके सामिल बैठते तो है। (क्षत्रियोमे रानिया, ठकुरानिया आदि सम्मानित स्त्रियोको उनकी पित-जातिके नामसे सबोधित किया जाता है, जिनमे कुछ वश या जातियोके नाम तो. ऐसे है जिनमे कोई परिवर्तन नही होता, स्त्रीलिंग बनानेकी आवश्यकता नही रहती जैसे-शेखावतजी, चहुआणजी, राठोडजी इत्यादि ।) 13 जैसे। 14 वैसे । IS तुम्हारे। 18 सोनांने इतना कहा तो राव रीस करके उठा। 17 उस समय रावके हाथ मे ताजना था सो तीन ताजने सोनाको मार दिये। 18 तव सोनाबाईने पत्र लिख कर पावूजीको भेजा। 19 उसमे इस प्रकार लिखा कि वाघेलीके कहनेसे रावजीने मुझे चोठ प्रहार की। 20 सो वह पत्र एक प्रादमीने ले जा कर पाबूजीके हाथमे दिया।