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मुहता नैणसीरी ख्यात
[ ४३ आवै छै । कह्यो-'जी, थांन किण कह्यो? -'जी, यां बैरां कह्यो। ताहरां भांनो रीस कर कहण लागो-'क्यु जी रांडां ! थे काहू कहो छो ?'4 ताहरा नैरां कह्यो-'जी, इयै गाम माहै कुंभार नही छै, वेह म्हां घडी छै। म्हांन चोकस समचार छ । ताहरा भांन कह्यो-'थानू' चोकस खबर छ ?' ताहरा पिणहारिया कह्यो-'सगरो सूजावत आवसी।'
ताहरा भांने कह्यो-'हू जाईस, म्हारे बहनेई छ । तियांनू पूछिस। प्रो कास् ?'
ताहरा भांनै चढि खड़िया। गांम आयो। आगै ढोल वाजै छ। न्यौतिहार आवै छै ।° भांनाजी तोरण जाय खड़ा रह्या। कहियो'भानोजी ही आया।' ताहरां कोई न कहै 'श्रावो न जावो।' - ताहरा भांनो भीतर मेहन, हनेई कनै आयो, कह्यो-'जान चूडावतारी आई छ ।' ताहरां कहियो-'भाना ! चवंडावत नू दीकरी परणावा नही ।' ताहरां भांने कह्यो-'ठाकुरां! थे बुरी करो छो; 12 अर म्है मांहि हुयनै सगाई कीवी छ । हू थाहरै प्रागै पेट मारनै मरस्य ।14 ताहरां बोलियो-'भाना | थारी कटारी मैली छै, आ ले म्हारी कटारी ।16 म्हैं काले ही वाढ दरायो छ ।' 16 ताहरा भान कह्यो-'समधा जी !'17 , भान तो चढ खडिया। पाछौ खेतसीह कनै आयो। रोटा हुवा
जिस दुल्हिनको अपन व्याहनेको चले है, उसको और भी कोई दूल्हा व्याहनेको श्रा रहा है । 2 तुमको किसने कहा? 3 इन स्त्रियोने कहा। 4 क्यो हे रडायो । तुम क्या कह रही हो? 5 इस गावमे कोई कुम्हार नही है अत. वेह हमने वनाई है। वेह-विवाह-मडपके चारो कोनोमे रखे जाने वाले (वडे घडेके ऊपर क्रमसे छोटा इस प्रकार) समायुत सात-सात मिट्टीके घडोका एक मगल-कलश-समूह। 6 हमको सही पता है। 7 तुमको। 8 मैं जाऊंगा, वह मेरा बहनोई है, उनसे पूछू गा, यह क्या (कबाडा) ? 9 तव भाना चढ करके रवाना हुआ। 10 निमत्रित लोग आ रहे हैं। 11 चूडावतको वेटी नही व्याहेगे। 12 ठाकुरो । तुम बुरा कर रहे हो। 13 मैने अदर रह कर सगाई की है (मेरी मौजूदगीमें सगाई हुई है ।) 14 मैं तुमारे सामने पेटमे कटारी मार कर मरूगा। 15 तेरी कटारी मैली (कुद) है, यह ले मेरी कटारी। 16 मैने कल ही इसके धार लगवाई है। 17 समझ गये जी ।