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महता नैणसीरी ख्यात खेतसीहनू परणावस्या । ताहरा रावतजी कह्यो-'यो खेतसीह छै, ले जाय परणावो । __ ताहरा कह्यो-'वोदरै चढणनू घोडो नही छ, सु आपरो असवारोरो घोडो देरावो। ताहरां रावतजी कह्यो-'भांना ! यो घोडो द्यु नही। पण तोईज कनै राखीजै जाहरां तोरण वादै ताहरा चढणनू देई ।" ताहरां भानै कह्यो-'भलां, राज ' मो कने हीज राखीस।" जणा ४० साथै दिया। कई ऊंठ चढिया, कई घोड़े चढिया। भानो साथै हुवो। हालिया।' प्रागै घाटो उतर घाणोरा गाव छै तठं' डेरो कियो। उठ गोठरी तैयारी हुई छै । 10 बाकरा11 मारिया छ । तठे तळाव ऊपर वावडी12 छ । तिण ऊपरा वड छै ।13 तगांमरो पणघट1 लाग छ । भानौ अर खेतसीह जगळ चालिया। 15 जगळ जायन खेतसीह वै वड़री साख झाल ऊभो छै।18
जितरै वै वावडी माहै एकै बैर एक बरसू कहै छै'-'यो वीद परणीजण हालियो छै, तिकै ऊपर एक वळे ही प्रावै छै । पछै ओ परणीजसी, कना ऊ परणीजसी ?'2° आ वात खेतसीह साभळी।21 इतरेमे भांनो आयो । ताहरां खेतसीह बोलियो-'भांनाजी ! आवो, वधाई देवां।' ताहरां कह्यो- 'सखरी वधाई देई । कहियो-जिकी आपां वीदणी परणीजण हालिया छां. तिकैन और पण वीद परणीजण
I इधर भाना सोनगरेने कहा-'रावतजी ! लग्न नजदीक आ गया है, खेतसिंहकी शादी करेंगे। 2 यह खेतसिंह है, लेजा कर ब्याह दो। 3 अपनी सवारीका घोडा दिलवाइये। 4 भाना! यह घोडा इसे नही दू । 5 लेकिन तेरे पास ही रखना, जव तोरण-वदन करे, तब इसे चढनेको दे देना। 6 अच्छा श्रीमान् ! मेरे पास ही रखूगा। 7 रवाना हुए, चले। 8 पहाडका तग मार्ग, दर्रा। 9 वहा। 10 वहा पर भोजनकी तैयारी हुई है। II वकरे। 12 बावली, वापी। 13 जिसके ऊपर एक वट-वृक्ष है। 14 पनघट । IS भाना और खेतसिंह शौच निवृत्तिको चले। 16 शौच-निवृत्तिसे पा कर खेतसिंह उस वरगदकी एक वरोहको पकड कर खडा है । वडरी साख=वट-वृक्षकी जटा, वरोह। 17 उस समय उस बावलीमे एक स्त्री एक अन्य स्त्रीसे कहती है। 18 यह दूल्हा विवाह करनेको चला है | 19 इसके ऊपर एक और (दूल्हा) भी आ रहा है। 20 तव फिर यह व्याहेगा किंवा वह व्याहेगा ? 21 यह वात खेतसिंहने सुनी। 22 इतनेमे। 23 अच्छी वधाई देना।