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अनुश्रुत श्रतियाँ
एक चीनी लोक कथा है - 'जो विज्डम आफ चाइना' में संकलित की गई है ।
बहुत समय पहले चू- प्रदेश में एक लुहार रहता था, जो बहुत तेज भाले लौर मजबूत ढाल बनाता था । उसे अपनी निर्मित वस्तुओं का बड़ा भारी अहंकार था। वह शेखी में अपनी ढाल के लिए कहता - " संसार की कोई वस्तु इस ढाल को नहीं छेद सकती । "
और अपने भाले के लिए कहता - "इतने तेज और नुकीले भाले कहीं नहीं मिलते। संसार में ऐसी कोई वस्तु नहीं, जिसमें मेरे ये भाले छेद नहीं कर सके ।"
एक दिन एक व्यक्ति ने उससे पूछा - " और यदि तुम्हारे ही भाले से तुम्हारी ढाल में छेद करना चाहे तो क्या होगा ?"
गर्वीला लुहार निरुत्तर था । अपने आइने में अपनी काली कलोंठी तस्वीर उसने पहली बार देखा ।
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