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सत्यनिष्ठा
२०३ शिक्षक ने गोखले को हाथों में उठा लिया-"कितने सच्चे हो तुम ! अब यह पुरस्कार मैं तुम्हारी सत्यप्रियता के लिए देता हूँ । एक दिन तुम देश के महान नेता बनोगे।" अध्यापक की वाणी सत्य सिद्ध हुई और गोखले अपनी सत्यनिष्ठा के लिए राष्ट्र के जीवन में एक अपूर्व उदाहरण बन गए।
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