Book Title: Khilti Kaliya Muskurate Ful
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 273
________________ २६/ सब से बड़ा दान दान-अमृत का झरना है। दान से न केवल कीर्ति एवं सम्मान ही बढ़ता है, किंतु मनुष्य स्वर्ग और मोक्ष की सिद्धि भी प्राप्त कर सकता है। शेखसादी ने कहा है-"जो आदमी धनी होकर कंजूस है, वह वास्तव में धन का कीड़ा है । और जो गरीब होकर भी दान करता है वह भगवान के बगीचे का प्यारा फूल है।" __वस्तुतः जिसके पास सम्पत्ति का सागर भरा पड़ा है, वह यदि दो चार चुल्लुभर पानी किसी को दे दे तो उसकी भावना में वह परितृप्ति और आनन्दोमि नहीं उठ सकती, जो एक चुल्लुभर पानी में से भी कुछ बूद देकर किसी की प्यास शांत करने में उठती है। प्राचीन भारत के नीतिद्रष्टा विदुर ने एक बार धृतराष्ट्र से कहा २५० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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