Book Title: Khilti Kaliya Muskurate Ful
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 276
________________ ४० | हीरे मोती सदाचार - जीवन का परम आभूषण है | जिस जीवन में स्नेह, करुणा, दया, और परोपकार की अमृतवर्षिणी नदियां प्रवाहित होती रहती हैं, वह जीवन संसार का सर्वश्रेष्ठ सुन्दर सुरम्य नन्दन कानन से भी अधिक रमणीय है । जैन परम्परा के अध्यात्मवादी महान संत आचार्य कुन्दकुन्द ने कहा है " सीलं मोक्खस्स सोवाणं "" शील - सदाचार ही मोक्ष का सोपान है । दया, करुणा और सेवा के उत्स से प्रवाहित होने वाले पवित्र विचार ही जीवन की श्रेष्ठ सुगन्ध हैं ११२ " विसुद्ध भावत्तणतो य सुगंध १. अष्टपाहुड ( शील) २० २. नंदीसूत्र चूर्णि २।१३ २५३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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