Book Title: Khilti Kaliya Muskurate Ful
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 282
________________ जब प्रेम उठाने वाला हो.... २५६ पहाड़ी पर चढ़ रहा था। उस समय एक छः सात वर्षे की लड़की अपने दो साल के भाई को कंधे पर लेकर पहाड़ी पर चढ़ती हुई हांफ रही थी । विशप ने पूछा- "अरे, यह लड़का तो तेरे लिए बहुत भारी है ? कैसे उठा सकेगी इसे तू ?" ___ लड़की ने जबाव दिया-"जरा भी भारी नहीं है, यह तो मेरा भाई है।" इस पर बापू ने लिखा- "आपका प्रेम पूर्ण पत्र मिला। कितना महान् विचार है---"यह भारी नहीं, यह तो मेरा भाई है।' भारी-से-भारी चीज भी पंख-जैसी हलकी बन जाती है, जब प्रम उसे उठाने वाला होता है।" ___लड़की ने अपने एक वचन से एक बड़ा काव्य बना डाला । बापू ने उस पर दो पंक्तियों का महाभाष्य कर दिया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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