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मुक्ति के लिए
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कहा - "आप आज्ञा करिए, इसे क्या कठोरतम दण्ड दिया जाय ?"
स्वामी दयानंद जी कुछ गंभीर होकर मुक्त करदो, मैं संसार में लोगों को कैद अपितु छुड़ाने के लिए आया हूँ ।"
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बोले - " इसे कराने नहीं,
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