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तीन देवियां
जीवन में तीन महान गुण हैं
बुद्धि,
लज्जा , साहस,
इन तीनों गुणों की उपासना करता हुआ मनुष्य श्रेष्ठ जीवन जी सकता है। किन्तु जब तीन दुर्गुण रूप भेड़िये उसके इन तीन गुणों पर झपट पड़ते हैं तो वे न केवल उन्हें नष्ट ही करते हैं, किन्तु उसके जीवन की दिव्यता ही समाप्त कर डालते हैं।
बुद्धि को भ्रष्ट करता है-क्रोध । लज्जा को दूर भगाता है-लोभ । साहस को समाप्त करता है-भय। गीता की भाषा में-क्रोधाद् भवति सम्मोहः'
१. गीता २०६३
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